नामकरण संस्कार 2072 दिनांक आणि मुहूर्त
नामकरण संस्कार 2072 दिनांक New Delhi, India
तारीख | सुरवातीचा काळ | शेवटचा काळ |
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रविवार, 03 जानेवारी | 07:14:25 | 31:14:24 |
बुधवार, 06 जानेवारी | 20:12:39 | 31:14:57 |
गुरुवार, 07 जानेवारी | 07:15:05 | 17:19:14 |
रविवार, 10 जानेवारी | 10:27:57 | 31:15:18 |
सोमवार, 11 जानेवारी | 07:15:19 | 31:15:20 |
शुक्रवार, 15 जानेवारी | 10:19:59 | 31:15:08 |
बुधवार, 20 जानेवारी | 12:07:17 | 31:14:19 |
गुरुवार, 21 जानेवारी | 07:14:04 | 24:54:39 |
सोमवार, 25 जानेवारी | 10:02:26 | 31:12:49 |
बुधवार, 27 जानेवारी | 07:12:02 | 31:12:02 |
गुरुवार, 28 जानेवारी | 07:11:37 | 15:49:55 |
रविवार, 31 जानेवारी | 07:10:10 | 31:10:11 |
सोमवार, 01 फेब्रुवारी | 07:09:40 | 12:58:04 |
बुधवार, 03 फेब्रुवारी | 14:16:52 | 31:08:32 |
सोमवार, 08 फेब्रुवारी | 07:05:20 | 31:05:21 |
बुधवार, 10 फेब्रुवारी | 07:03:55 | 15:41:51 |
सोमवार, 15 फेब्रुवारी | 24:57:30 | 31:00:01 |
शुक्रवार, 19 फेब्रुवारी | 10:08:21 | 30:56:35 |
रविवार, 21 फेब्रुवारी | 15:56:10 | 30:54:45 |
सोमवार, 22 फेब्रुवारी | 06:53:49 | 14:37:16 |
बुधवार, 24 फेब्रुवारी | 06:51:55 | 22:08:24 |
शुक्रवार, 26 फेब्रुवारी | 23:29:24 | 30:49:56 |
रविवार, 28 फेब्रुवारी | 15:33:03 | 22:07:56 |
बुधवार, 02 मार्च | 06:44:49 | 15:47:49 |
रविवार, 06 मार्च | 06:40:32 | 30:40:32 |
सोमवार, 07 मार्च | 06:39:26 | 11:41:40 |
बुधवार, 09 मार्च | 24:20:37 | 30:37:13 |
गुरुवार, 10 मार्च | 06:36:06 | 25:04:00 |
सोमवार, 14 मार्च | 07:20:28 | 30:31:36 |
बुधवार, 16 मार्च | 06:29:18 | 13:27:51 |
गुरुवार, 17 मार्च | 16:33:56 | 21:24:23 |
रविवार, 20 मार्च | 06:24:41 | 30:24:41 |
सोमवार, 21 मार्च | 06:23:32 | 30:23:32 |
शुक्रवार, 25 मार्च | 06:18:53 | 30:18:53 |
रविवार, 03 एप्रिल | 06:08:28 | 30:08:29 |
सोमवार, 04 एप्रिल | 06:07:21 | 30:07:21 |
रविवार, 10 एप्रिल | 14:46:25 | 27:29:57 |
बुधवार, 13 एप्रिल | 23:43:53 | 29:57:24 |
गुरुवार, 14 एप्रिल | 05:56:20 | 26:40:50 |
सोमवार, 18 एप्रिल | 17:28:45 | 29:52:09 |
गुरुवार, 21 एप्रिल | 10:52:57 | 16:54:46 |
शुक्रवार, 22 एप्रिल | 15:53:34 | 29:48:11 |
सोमवार, 25 एप्रिल | 08:12:21 | 29:45:20 |
शुक्रवार, 29 एप्रिल | 05:41:44 | 29:41:44 |
रविवार, 01 मे | 19:01:27 | 29:40:01 |
सोमवार, 02 मे | 05:39:10 | 20:25:23 |
बुधवार, 04 मे | 05:37:35 | 19:34:11 |
रविवार, 08 मे | 05:34:34 | 29:34:33 |
सोमवार, 09 मे | 05:33:52 | 28:27:29 |
गुरुवार, 12 मे | 05:31:52 | 10:34:07 |
शुक्रवार, 13 मे | 13:17:08 | 29:31:14 |
रविवार, 15 मे | 05:30:03 | 29:30:02 |
बुधवार, 18 मे | 18:05:28 | 29:28:25 |
गुरुवार, 19 मे | 05:27:55 | 29:27:55 |
शुक्रवार, 20 मे | 05:27:26 | 16:21:22 |
रविवार, 22 मे | 13:43:24 | 29:26:32 |
सोमवार, 23 मे | 05:26:08 | 12:18:17 |
गुरुवार, 26 मे | 12:20:12 | 29:25:01 |
शुक्रवार, 27 मे | 05:24:42 | 29:24:42 |
रविवार, 29 मे | 05:24:07 | 28:30:33 |
रविवार, 05 जून | 06:35:31 | 29:22:48 |
सोमवार, 06 जून | 05:22:43 | 12:29:13 |
बुधवार, 08 जून | 05:22:35 | 18:36:33 |
शुक्रवार, 10 जून | 18:02:15 | 29:22:34 |
रविवार, 12 जून | 05:22:36 | 26:58:25 |
बुधवार, 20 जुलै | 05:35:57 | 29:35:57 |
गुरुवार, 21 जुलै | 05:36:30 | 29:36:30 |
शुक्रवार, 22 जुलै | 05:37:02 | 25:54:56 |
रविवार, 24 जुलै | 16:17:02 | 29:38:10 |
सोमवार, 25 जुलै | 05:38:42 | 16:56:53 |
शुक्रवार, 29 जुलै | 05:40:58 | 29:40:58 |
सोमवार, 01 ऑगस्ट | 05:48:06 | 29:42:40 |
बुधवार, 03 ऑगस्ट | 15:38:46 | 29:43:48 |
गुरुवार, 04 ऑगस्ट | 05:44:22 | 29:44:22 |
शुक्रवार, 05 ऑगस्ट | 05:44:54 | 29:44:54 |
बुधवार, 10 ऑगस्ट | 05:47:43 | 20:28:05 |
बुधवार, 17 ऑगस्ट | 17:05:13 | 29:51:31 |
गुरुवार, 18 ऑगस्ट | 05:52:03 | 29:52:04 |
शुक्रवार, 19 ऑगस्ट | 05:52:36 | 22:28:49 |
रविवार, 21 ऑगस्ट | 05:53:39 | 10:38:59 |
गुरुवार, 25 ऑगस्ट | 05:55:43 | 29:55:43 |
शुक्रवार, 26 ऑगस्ट | 05:56:15 | 16:35:09 |
रविवार, 28 ऑगस्ट | 11:59:48 | 29:57:15 |
सोमवार, 29 ऑगस्ट | 05:57:47 | 15:07:16 |
बुधवार, 31 ऑगस्ट | 05:58:47 | 28:58:42 |
शुक्रवार, 02 सप्टेंबर | 06:59:44 | 26:08:08 |
सोमवार, 05 सप्टेंबर | 06:01:16 | 30:01:17 |
शुक्रवार, 09 सप्टेंबर | 06:03:15 | 24:36:40 |
सोमवार, 12 सप्टेंबर | 16:18:30 | 30:04:43 |
बुधवार, 14 सप्टेंबर | 06:05:40 | 30:05:41 |
बुधवार, 21 सप्टेंबर | 09:34:36 | 30:09:07 |
गुरुवार, 22 सप्टेंबर | 06:09:38 | 30:09:37 |
शुक्रवार, 23 सप्टेंबर | 06:10:07 | 15:01:22 |
बुधवार, 28 सप्टेंबर | 06:12:41 | 30:12:41 |
गुरुवार, 29 सप्टेंबर | 06:13:11 | 30:13:11 |
रविवार, 02 ऑक्टोबर | 10:55:38 | 30:14:46 |
सोमवार, 03 ऑक्टोबर | 06:15:18 | 30:15:18 |
गुरुवार, 06 ऑक्टोबर | 17:38:29 | 30:16:56 |
बुधवार, 12 ऑक्टोबर | 06:20:21 | 30:20:22 |
गुरुवार, 13 ऑक्टोबर | 06:20:57 | 17:08:46 |
बुधवार, 19 ऑक्टोबर | 06:24:37 | 15:01:59 |
गुरुवार, 20 ऑक्टोबर | 17:13:03 | 21:45:51 |
शुक्रवार, 21 ऑक्टोबर | 24:50:06 | 30:25:53 |
सोमवार, 24 ऑक्टोबर | 07:01:27 | 27:25:13 |
बुधवार, 26 ऑक्टोबर | 06:29:12 | 30:29:12 |
गुरुवार, 27 ऑक्टोबर | 06:29:53 | 14:02:39 |
सोमवार, 31 ऑक्टोबर | 08:27:52 | 17:29:42 |
बुधवार, 02 नोव्हेंबर | 16:57:58 | 30:34:09 |
गुरुवार, 03 नोव्हेंबर | 06:34:53 | 16:10:14 |
रविवार, 06 नोव्हेंबर | 11:46:45 | 30:37:06 |
सोमवार, 07 नोव्हेंबर | 06:37:53 | 30:37:53 |
शुक्रवार, 11 नोव्हेंबर | 06:40:57 | 24:47:37 |
सोमवार, 14 नोव्हेंबर | 25:24:19 | 30:43:18 |
बुधवार, 16 नोव्हेंबर | 06:44:52 | 29:33:47 |
रविवार, 20 नोव्हेंबर | 14:39:27 | 30:48:04 |
सोमवार, 21 नोव्हेंबर | 06:48:52 | 30:48:51 |
बुधवार, 23 नोव्हेंबर | 06:50:28 | 21:39:09 |
शुक्रवार, 25 नोव्हेंबर | 23:34:53 | 30:52:02 |
रविवार, 27 नोव्हेंबर | 06:53:38 | 23:36:56 |
बुधवार, 30 नोव्हेंबर | 06:55:59 | 21:30:42 |
रविवार, 04 डिसेंबर | 09:53:17 | 30:59:00 |
सोमवार, 05 डिसेंबर | 06:59:46 | 30:59:46 |
बुधवार, 07 डिसेंबर | 07:01:13 | 12:24:59 |
सोमवार, 12 डिसेंबर | 10:39:08 | 21:56:16 |
बुधवार, 14 डिसेंबर | 07:05:55 | 14:07:07 |
गुरुवार, 15 डिसेंबर | 16:44:31 | 31:06:31 |
शुक्रवार, 16 डिसेंबर | 07:07:07 | 19:44:20 |
सोमवार, 19 डिसेंबर | 11:08:30 | 31:08:49 |
शुक्रवार, 23 डिसेंबर | 08:28:26 | 14:53:16 |
शुक्रवार, 30 डिसेंबर | 23:23:56 | 31:13:30 |
हिंदू धर्माच्या सर्व संस्कारामध्ये नामकरण संस्काराला खूप महत्वाचे मानले जाते. अश्यात तर आज कालच्या आधुनिक युगात आई वडील आपल्या मुलांचे नाव असेच कुठल्याही दिवशी ठेवतात. परंतु आपल्या धार्मिक मान्यतेच्या आधारावर कुठल्याही नवजात शिशु चे नाव योग्य नामकरण संस्काराच्या वेळी सर्व मोठ्या व्यक्तींच्या निगराणीत ठेवले पाहिजे. कुठल्याही व्यक्तीच्या जीवनात त्याच्या नावाचे महत्व सर्वात खास होते, कारण त्याला त्याची ओळख त्याच्या नावाने मिळते. आज ह्या लेखा द्वारे आम्ही तुम्हाला नामकरण संस्कार चे लाभ आणि सोबतच या वर्षी याच्या विशेष मुहूर्ताच्या बाबतीत सांगत आहोत. नामकरण संस्कार विशेष मुहूर्तावर होणे हे ही विशेष मानले जाते. ज्या प्रकारे अन्य महत्वाची कार्य आणि परिजनांसाठी मुहूर्त पाहून त्याला संपन्न केले जाते, ठीक त्याच प्रकारे शिशु चे नाव ही शुभ मुहुर्तात ठेवले पाहिजे. धार्मिक आधारांवरच नाही तर ज्योतिषीय आधारावर ही नामकरण संस्काराला अहम मानले गेले आहे. चला तर मग पाहूया, या वर्षी नामकरण संस्कार साठी कोणते मुहूर्त खास आहेत आणि त्याचे महत्व काय आहे.
नामकरण मुहूर्तासाठी तिथी, नक्षत्र आणि मास विचार
1. शिशुच्या जन्माच्या अकराव्या किंवा बाराव्या दिवासानंतर नामकरण संस्कार करून घेणे गरजेचे आहे.
2. हे संस्कार मुलाच्या जन्माच्या दहा दिवसाच्या सुतक कालावधी नंतर करणे उत्तम असते.
3. बालकाच्या जन्मापासून दहाव्या दिवशी जेव्हा सूतिका चे शुद्धीकरण यज्ञ पूर्ण केले जाते, तेव्हा नामकरण संस्कार केले पाहिजे.
4. लक्षात ठेवा की चतुर्थी, नवमी आणि चतुर्दशी ला या संस्काराला करू नका. अमावस्या तिथी ला त्याग ने उत्तम असते.
5. जर आपल्याला वार संबंधित बोलायचे झाले तर नामकरण संस्कार कुठल्याही शुभ दिवशी जसे सोमवार, बुधवार, बृहस्पतीवर आणि शुक्रवार च्या दिवशी केले जाऊ शकते.
6. नक्षत्रां मध्ये अश्वनी, शतभिषा, स्वाती, चित्रा, रेवती, हस्त, पुष्य, रोहिणी, मृगशीरा आणि अनुराधा, उत्तराषाढा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद, श्रवण नक्षत्रांना नामकरण संस्कार साठी खूप शुभ मानले जाते.
7. व्यक्ती विशेष च्या कुळ परंपरेच्या आधारावर नवजात शिशु चे नामकरण संस्कार वर्षभरा नंतर ही केले जाऊ शकते.
8. ज्योतिषीय मान्यतेच्या आधारावर नामकरण च्या वेळी बालकाचे दोन नाव ठेवले जाते, एक गुप्त नाव आणि दुसरे प्रचलित नाव.
9. नामकरण संस्काराच्या वेळी ह्या गोष्टीची विशेष काळजी घेतली जाते की बालकाचे नाव त्या नक्षत्राच्या अनुसार ठेवले गेले पाहिजे ज्या नक्षत्रात त्याचा जन्म झाला आहे. तथापि ज्योतिषीय मार्गदर्शनात याला संपन्न करणे उत्तम असते.
नामकरण संस्कारासाठी अश्या प्रकारे शुभ मुहूर्त काढा
कुठल्याही संस्कारासाठी मुहूर्त लोक ज्योतिषाचार्य किंवा कुशल पंडित कडून काढतात. म्हणून शिशु च्या जन्मानंतर विशेष रूपात कुठल्या पंडिताला बोलावून नामकरण संस्करासाठी शुभ मुहूर्त काढले जातात. या वेळेत पंडित जी पंचांगाच्या मदतीने शुभ मुहूर्ताची गणना करतात. आजकाल आधुनिक युगाबद्दल बोलले तर आता मुहूर्त काढण्यासाठी इंटरनेट ची मदत घेऊ शकतात. आज काल खूप अश्या वेबसाइट आणि ऐप आलेले आहेत की, त्याच्या मदतीने तुम्ही स्वतः ही कुठल्याही प्रयोजनासाठी शुभ मुहूर्त काढू शकतात. तुम्ही सहजरित्या गुगल प्ले स्टोअर वरून ऐप डाउनलोड करून स्वतः मुहूर्त काढू शकतात. तथापि आज तुम्हाला शुभ मुहूर्त काढण्यासाठी कुठल्या पंडित किंवा ज्योतिषी कडे जाण्याची आवश्यकता राहिलेली नाही. तथापि या संस्काराला संपन्न करण्यासाठी तुम्हाला प्रख्यात पंडितांची आवश्यकता असेल, परंतु शुभ मुहूर्त तुम्ही स्वतः अगदी सहजरित्या काढू शकतात. तरी ही कुठल्या चांगल्या ज्योतिषीच्या मार्गदर्शनाने शुभ मुहूर्त काढणे उत्तम ठरते.
नामकरण संस्काराचे विशेष लाभ
हिंदू धर्माचे पवित्र 16 संस्करामध्ये नामकरण एक महत्वपूर्ण संस्कार आहे. जसे की तुम्ही ही या गोष्टीला चांगल्या प्रकारे समजत असाल की कुठल्याही व्यक्तीच्या आयुष्यात नावाचे काय महत्व असते. समाजात व्यक्तीला ओळख त्याच्या नावानेच मिळते. जाहीर आहे की नामकरण संस्काराचे महत्व अश्या प्रकारे आपोआप वाढले जाते. तथापि जन्मानंतर शिशु ला नेहमी आई वडील किंवा नातेवाईक स्वतःहून कुठल्या न कुठल्या नावाने बोलवायला लागतात. परंतु हिंदू धर्माच्या मान्यतेनुसार जन्माच्या अकराव्या किंवा बाराव्या दिवशीच सर्व विधी विधान सोबत शुभ मुहूर्तावर नामकरण संस्कार संपन्न झाले पाहिजे. या संस्काराच्या वेळी पंडित किंवा पुरोहित शिशु च्या जन्म कुंडलीच्या आधारावर आणि ग्रह नक्षत्रांची गणना केल्यानंतर त्यांचे नाव ठेवले जाते. ह्या संस्काराला केल्याने बाहेरूनच नाही तर आंतरिक लाभ ही मिळतो. नामकरण संस्कार नक्की केले पाहिजे कारण याने शिशुच्या मानसिक आणि शारीरिक विकासात मदत होते. या व्यतिरिक्त या संस्काराला करण्याचा एक लाभ अजून आहे की याने शिशु चे आयु आणि बुद्धी मध्ये वृद्धी होते. विशेष रूपाने नामकरण संस्कार द्वारे शिशुला नवीन ओळख मिळते, जे त्याच्या भविष्यासाठी विशेष महत्वाचे असते.
नामकरण संस्कार च्या वेळी ठेवली जाणारी विशेष सावधानता
1. नामकरण संस्कार नेहमी कुठल्या पवित्र आणि स्वच्छ स्थानावर केले पाहिजे. तसे याला घरातच करा परंतु, जर शक्य नसेल तर कुठल्या धार्मिक स्थळ किंवा मंदिरात या संस्काराचे आयोजन केले जाऊ शकते.
2. या संस्काराच्या वेळी शिशूचे नाव त्याच्या राशी अनुसारच ठेवा. असे न केल्याने भविष्यात बालकाला हानी होण्याची शक्यता आहे. नामकरण मुहूर्ताचे निर्धारण शिशु ची ग्रह दशा आणि भविष्य फळाच्या आधारावर ही केली जाऊ शकते.
3. नामकरण संस्कार नेहमी शुभ मुहूर्त पाहून केले गेले पाहिजे. या साठी तुम्ही पंडिताची मदत ही घेऊ शकता आणि स्वतः ही इंटरनेट आणि विशेष ऐप च्या मदतीने मुहूर्त काढू शकतात.
4. या गोष्टीची विशेष काळजी घ्या की नामकरण संस्काराच्या दिवशी घरात मीट, मासे, अंडे यांसारख्या तामसी भोजन सहित मदिरापान चुकूनही करू नका.
5. नामकरण संस्काराच्या दिवशी सकाळ च्या वेळी जर शक्य असेल तर गौ मातेला पोळी खाऊ घाला.
6. या दिवशी बालकाच्या वडिलांनी चुकूनही दाढी आणि केस कापू नका.
7. या दिवशी घरात आलेल्या पाहुण्यांसोबत वाईट वर्तन करू नका.
8. कुटुंबाच्या मोठ्या व्यक्तींचा आशीर्वाद बालकाला जरूर द्या.
9. नामकरण संस्काराच्या वेळी शिशुच्या आई वडिलांसोबतच परिवाराच्या अन्य मोठ्या सदस्यांना शामिल होणे अनिवार्य आहे.
10. या दिवसात गरजू व्यक्तींना जेवण करावल्याने शिशुला विशेष लाभ प्राप्त होतो.