माघ पूर्णिमा व्रत 2029
2029 में माघ पूर्णिमा कब है?
30
जनवरी, 2029
(मंगलवार)

माघ पूर्णिमा व्रत मुहूर्त New Delhi, India के लिए
जनवरी 29, 2029 को 13:55:01 से पूर्णिमा आरम्भ
जनवरी 30, 2029 को 11:34:37 पर पूर्णिमा समाप्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माघ पूर्णिमा पर माघ स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर माघ पूर्णिमा तक होता है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान माधव प्रसन्न रहते हैं तथा उन्हें सुख-सौबाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
माघ पूर्णिमा का महत्व
मघा नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। मान्यता है कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में लिखे कथनों के अनुसार यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है।
माघ पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किये जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए। माघ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
1. माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
2. स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए।
3. मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
4. दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
माघ मेला और कल्पवास
तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) में हर साल माघ मेला लगता है, जिसे कल्पवास कहा जाता है। इसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं। प्रयाग में कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कल्पवास का समापन माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ होता है। माघ मास में कल्पवास की बड़ी महिमा है। इस माह तीर्थराज प्रयाग में संगम के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं। कल्पवास का अर्थ है संगम के तट पर निवास कर वेदों का अध्ययन और ध्यान करना। कल्पवास धैर्य, अहिंसा और भक्ति का संकल्प होता है।
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- Hanuman Jayanti 2025: Date, Time, & Vidhi!
- Sun Transit In Ashwini Nakshatra – Luck & Prosperity For 3 Lucky Zodiacs!
- Hanuman Jayanti 2025: Unleashing Wealth & Success For 3 Lucky Zodiacs!
- Numerology Weekly Horoscope: From April 13th to 19th!
- Venus Direct In Pisces: A Breather For These 5 Zodiac Signs!
- Shani Dev’s Blessings: Cosmic Clues Of Lord Favoring Zodiacs & Individuals!
- Shadashtak Yoga 2025: 3 Zodiacs Need To Stay Cautious This May!
- Exalted Sun In Aries Lauds Financial & Professional Benefits
- Saturn Transit 2025: Saturn’s Enter In Its Own Nakshatra Showers Luck On 3 Zodiacs!
- Numerology Weekly Horoscope (6–12 April): Revealing Moolanks Set For Prosperity!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल (13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?
- शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!
- सूर्य का मेष राशि में गोचर, इन राशियों पर पड़ सकता है भारी, इनकी होगी बल्ले-बल्ले!
- मीन राशि में शुक्र की मार्गी चाल शेयर बाज़ार के लिए रहेगी अशुभ, रहना होगा सावधान!
- कामदा एकादशी 2025: इस दिन राशि अनुसार लगाएं श्री हरि को भोग!
- मीन राशि में मार्गी होकर बुध, किन राशियों की बढ़ाएंगे मुसीबतें और किन्हें देंगे सफलता का आशीर्वाद? जानें
- इस सप्ताह मिलेगा राम भक्त हनुमान का आशीर्वाद, सोने की तरह चमकेगी किस्मत!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल : 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025
- चैत्र नवरात्रि 2025: महानवमी पर कन्या पूजन में जरूर करें इन नियमों एवं सावधानियों का पालन!!
- साप्ताहिक अंक फल (06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?
- [अप्रैल 12, 2025] हनुमान जयंती
- [अप्रैल 12, 2025] चैत्र पूर्णिमा व्रत
- [अप्रैल 14, 2025] बैसाखी
- [अप्रैल 14, 2025] मेष संक्रांति
- [अप्रैल 14, 2025] अम्बेडकर जयन्ती
- [अप्रैल 16, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [अप्रैल 24, 2025] वरुथिनी एकादशी
- [अप्रैल 25, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [अप्रैल 26, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [अप्रैल 27, 2025] वैशाख अमावस्या
- [अप्रैल 30, 2025] अक्षय तृतीया
- [मई 8, 2025] मोहिनी एकादशी
- [मई 9, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [मई 12, 2025] वैशाख पूर्णिमा व्रत
- [मई 15, 2025] वृष संक्रांति