व्रत और उपवास तारीखें
हिन्दू धर्म में व्रत और उपवास का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म के अनुसार हर माह पड़ने वाली विभिन्न तिथियां भगवान विष्णु, शिव, मॉं दुर्गा और गणेश जी समेत कई देवताओं को समर्पित होती है, इसलिए इन तिथियों पर व्रत और उपवास का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस पृष्ठ पर आपको मिलेगी इस वर्ष में पड़ने वाले विभिन्न तिथि, व्रत और उपवास की जानकारी।हिन्दू धर्म में हर महीने एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संकष्टी चतुर्थी और प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। इनमें अमावस्या व्रत व पूजन का धार्मिक कार्य और पूर्वजों की शांति के लिए विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत के देवता भगवान शिव माने गए हैं और उनके साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को सबसे प्यारी होती है। पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा पूर्ण आकार में होता है। इस मौके पर दान, धर्म और व्रत का विशेष महत्व है। वैशाख, कार्तिक और माघ माह की पूर्णिमा को तीर्थ दर्शन, स्नान और दान-पुण्य के लिए शुभ माना गया है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन व वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी व्रत कहलाता है। सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे प्राचीन माना जाता है। जानें इस साल पड़ने वाले व्रत और उपवास की तिथि के बारे में…
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- [अप्रैल 1, 2025] बैंक अवकाश
- [अप्रैल 6, 2025] राम नवमी
- [अप्रैल 7, 2025] चैत्र नवरात्रि पारणा
- [अप्रैल 8, 2025] कामदा एकादशी
- [अप्रैल 10, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [अप्रैल 12, 2025] हनुमान जयंती
- [अप्रैल 12, 2025] चैत्र पूर्णिमा व्रत
- [अप्रैल 14, 2025] बैसाखी
- [अप्रैल 14, 2025] मेष संक्रांति
- [अप्रैल 14, 2025] अम्बेडकर जयन्ती
- [अप्रैल 16, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [अप्रैल 24, 2025] वरुथिनी एकादशी
- [अप्रैल 25, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [अप्रैल 26, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [अप्रैल 27, 2025] वैशाख अमावस्या