2026 कार्तिक पौर्णिमा व्रत
2026 मध्ये कार्तिक पौर्णिमा कधी आहे?
24
नोव्हेंबर, 2026
(मंगळवार)

कार्तिक पौर्णिमा व्रत मुहूर्त New Delhi, India
पौर्णिमा तिथी सुरवात 23:44:35 पासुन. नोव्हेंबर 23, 2026 रोजी
पौर्णिमा तिथी समाप्ती 20:25:24 पर्यंत. नोव्हेंबर 24, 2026 रोजी
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन महादेव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था, इसलिए इसे ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ भी कहते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र हो तो यह ‘महाकार्तिकी’ होती है। वहीं भरणी नक्षत्र होने पर इस पूर्णिमा का विशेष फल प्राप्त होता है। रोहिणी नक्षत्र की वजह से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर संध्या के समय भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान का फल दस यज्ञों के समान होता है। ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य ने इसे महापुनीत पर्व कहा है।
कार्तिक पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कर्म
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान, होम, यज्ञ और ईश्वर की उपासना का विशेष महत्व है। इस दिन किये जाने वाले धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं-
● पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जाग कर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें।
● इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन अवश्य करना चाहिए।
● कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत करके बैल का दान करने से शिव पद प्राप्त होता है।
● गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी आदि का दान करने से संपत्ति बढ़ती है।
● इस भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्टों का नाश होता है।
● कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होकर प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
● कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्रती को किसी जरुरतमंद को भोजन और हवन अवश्य कराना चाहिए।
● इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान का समापन करके राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में से एक है। इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है। वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है। इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है।
कार्तिक पूर्णिमा की पौराणिक कथा
पुरातन काल में एक समय त्रिपुर राक्षस ने एक लाख वर्ष तक प्रयागराज में घोर तप किया। उसकी तपस्या के प्रभाव से समस्त जड़-चेतन, जीव और देवता भयभीत हो गये। देवताओं ने तप भंग करने के लिए अप्सराएँ भेजीं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। त्रिपुर राक्षस के तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी स्वयं उसके सामने प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा।
त्रिपुर ने वरदान मांगा कि, ‘मैं न देवताओं के हाथों मरूं, न मनुष्यों के हाथों से’। इस वरदान के बल पर त्रिपुर निडर होकर अत्याचार करने लगा। इतना ही नहीं उसने कैलाश पर्वत पर भी चढ़ाई कर दी। इसके बाद भगवान शंकर और त्रिपुर के बीच युद्ध हुआ। अंत में शिव जी ने ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु की मदद से त्रिपुर का संहार किया।
अॅस्ट्रोसेज मोबाइल वरती सर्व मोबाईल ऍप
अॅस्ट्रोसेज टीव्ही सदस्यता घ्या
- Venus Direct In Pisces: Its Impacts On The Nation & The World!
- Kamada Ekadashi 2025: Offer Bhog To Sri Hari As Per Your Zodiac
- Chaturgrahi Yoga 2025: Strong Monetary Gains & Success For 3 Lucky Zodiacs!
- Mercury Direct In Pisces: The Time Of Great Abundance & Blessings
- Mars Transit 2025: After Long 18-Months, Change Of Fortunes For 3 Zodiac Signs!
- Weekly Horoscope For The Week Of April 7th To 13th, 2025!
- Tarot Weekly Horoscope From 06 April To 12 April, 2025
- Chaitra Navratri 2025: Maha Navami & Kanya Pujan!
- Numerology Weekly Horoscope From 06 April To 12 April, 2025
- Chaitra Navratri 2025 Ashtami: Kanya Pujan Vidhi & More!
- मीन राशि में मार्गी होकर बुध, किन राशियों की बढ़ाएंगे मुसीबतें और किन्हें देंगे सफलता का आशीर्वाद? जानें
- इस सप्ताह मिलेगा राम भक्त हनुमान का आशीर्वाद, सोने की तरह चमकेगी किस्मत!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल : 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025
- चैत्र नवरात्रि 2025: महानवमी पर कन्या पूजन में जरूर करें इन नियमों एवं सावधानियों का पालन!!
- साप्ताहिक अंक फल (06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?
- महाअष्टमी 2025 पर ज़रूर करें इन नियमों का पालन, वर्षभर बनी रहेगी माँ महागौरी की कृपा!
- बुध मीन राशि में मार्गी, इन पांच राशियों की जिंदगी में आ सकता है तूफान!
- दुष्टों का संहार करने वाला है माँ कालरात्रि का स्वरूप, भय से मुक्ति के लिए लगाएं इस चीज़ का भोग !
- दुखों, कष्टों एवं विवाह में आ रही बाधाओं के अंत के लिए षष्ठी तिथि पर जरूर करें कात्यायनी पूजन!
- मंगल का कर्क राशि में गोचर: किन राशियों के लिए बन सकता है मुसीबत; जानें बचने के उपाय!
- [एप्रिल 10, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [एप्रिल 12, 2025] हनुमान जयंती
- [एप्रिल 12, 2025] चैत्र पौर्णिमा व्रत
- [एप्रिल 14, 2025] बैसाखी
- [एप्रिल 14, 2025] मेष संक्रांत
- [एप्रिल 14, 2025] आंबेडकर जयंती
- [एप्रिल 16, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [एप्रिल 24, 2025] वारुथिनी एकादशी
- [एप्रिल 25, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [एप्रिल 26, 2025] मासिक शिवरात्री
- [एप्रिल 27, 2025] वैशाख अमावास्या
- [एप्रिल 30, 2025] अक्षय्य तृतीया
- [मे 8, 2025] मोहिनी एकादशी
- [मे 9, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [मे 12, 2025] वैशाख पौर्णिमा व्रत