वरुथिनी एकादशी व्रत 2027
2027 में वरुथिनी एकादशी कब है?
2
मई, 2027
(रविवार)

वरुथिनी एकादशी व्रत मुहूर्त New Delhi, India के लिए
वरुथिनी एकादशी पारणा मुहूर्त :
05:39:10 से 08:18:47 तक 3, मई को
अवधि :
2 घंटे 39 मिनट
वरुथिनी एकादशी का व्रत सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। वरुथिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से समस्त पाप, ताप व दुख दूर होते हैं और अनंत शक्ति मिलती है। इस भक्तिभाव से भगवान मधुसुदन की पूजा करनी चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय जो फल स्वर्ण दान करने से प्राप्त होता है, वही फल वरूथिनी एकादशी का उपवास करने से मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य लोक और परलोक दोनों में सुख भोगता है।
वरुथिनी एकादशी व्रत पूजा विधि
इस दिन व्रत करने वाले मनुष्य को सर्वप्रथम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिये। दूसरों की बुराई और दुष्ट लोगों की संगत से बचना चाहिए। इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
1. व्रत से एक दिन पूर्व यानि दशमी को एक ही बार भोजन करना चाहिए।
2. व्रत वाले दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान की पूजा करनी चाहिए।
3. व्रत की अवधि में तेल से बना भोजन, दूसरे का अन्न, शहद, चना, मसूर की दाल, कांसे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए। व्रती को सिर्फ एक ही बार भोजन करना चाहिए।
4. रात्रि में भगवान का स्मरण करते हुए जागरण करें और अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए।
व्रत वाले दिन शास्त्र चिंतन और भजन-कीर्तन करना चाहिए और झूठ बोलने व क्रोध करने से बचना चाहिए।
वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व
यह व्रत बहुत पुण्यदायी होता है। धार्मिक मान्यता है कि ब्राह्मण को दान देने, करोड़ो वर्ष तक ध्यान करने और कन्या दान से मिलने वाले फल से भी बढ़कर है वरुथिनी एकादशी का व्रत। इस व्रत को करने से भगवान मधुसुदन की कृपा होती है। मनुष्य के दुख दूर होते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पौराणिक कथा
एक समय अर्जुन के आग्रह करने पर भगवान श्री कृष्ण ने वरुथिनी एकादशी की कथा और उसके महत्व का वर्णन किया, जो इस प्रकार है:
प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा का राज्य था। वह अत्यन्त दानशील और तपस्वी राजा था। एक समय जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था। उसी समय जंगली भालू आकर उसका पैर चबाने लगा। इसके बाद भालू राजा को घसीट कर वन में ले गया। तब राजा घबराया, तपस्या धर्म का पालन करते हुए उसने क्रोध न करके भगवान विष्णु से प्रार्थना की।
राजा की पुकार सुनकर भगवान विष्णु वहां प्रकट हुए़ और चक्र से भालू का वध कर दिया। तब तक भालू राजा का एक पैर खा चुका था। इससे राजा मान्धाता बहुत दुखी थे। भगवान श्री विष्णु ने राजा की पीड़ा को देखकर कहा कि- ‘’मथुरा जाकर तुम मेरी वाराह अवतार मूर्ति की पूजा और वरूथिनी एकादशी का व्रत करो, इसके प्रभाव से भालू ने तुम्हारा जो अंग काटा है, वह अंग ठीक हो जायेगा। तुम्हारा यह पैर पूर्वजन्म के अपराध के कारण हुआ है।’’ भगवान विष्णु की आज्ञा अनुसार राजा ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ किया और वह फिर से सुन्दर अंग वाला हो गया।
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- Tarot Weekly Horoscope From 13-19 April, 2025
- May Planetary Transits 2025: Career Progress & Business Profits For 3 Lucky Zodiacs!
- Chaitra Purnima Fast 2025: Full Moon Of Blessings!
- Hanuman Jayanti 2025: Date, Time, & Vidhi!
- Sun Transit In Ashwini Nakshatra – Luck & Prosperity For 3 Lucky Zodiacs!
- Hanuman Jayanti 2025: Unleashing Wealth & Success For 3 Lucky Zodiacs!
- Numerology Weekly Horoscope: From April 13th to 19th!
- Venus Direct In Pisces: A Breather For These 5 Zodiac Signs!
- Shani Dev’s Blessings: Cosmic Clues Of Lord Favoring Zodiacs & Individuals!
- Shadashtak Yoga 2025: 3 Zodiacs Need To Stay Cautious This May!
- टैरो साप्ताहिक राशिफल : 13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025
- चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: इस विधि से करेंगे पूजा, तो ज़रूर प्रसन्न होंगे श्री हरि!
- हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा पर मनाई जाएगी हनुमान जयंती, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल (13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?
- शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!
- सूर्य का मेष राशि में गोचर, इन राशियों पर पड़ सकता है भारी, इनकी होगी बल्ले-बल्ले!
- मीन राशि में शुक्र की मार्गी चाल शेयर बाज़ार के लिए रहेगी अशुभ, रहना होगा सावधान!
- कामदा एकादशी 2025: इस दिन राशि अनुसार लगाएं श्री हरि को भोग!
- मीन राशि में मार्गी होकर बुध, किन राशियों की बढ़ाएंगे मुसीबतें और किन्हें देंगे सफलता का आशीर्वाद? जानें
- इस सप्ताह मिलेगा राम भक्त हनुमान का आशीर्वाद, सोने की तरह चमकेगी किस्मत!
- [अप्रैल 12, 2025] हनुमान जयंती
- [अप्रैल 12, 2025] चैत्र पूर्णिमा व्रत
- [अप्रैल 14, 2025] बैसाखी
- [अप्रैल 14, 2025] मेष संक्रांति
- [अप्रैल 14, 2025] अम्बेडकर जयन्ती
- [अप्रैल 16, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [अप्रैल 24, 2025] वरुथिनी एकादशी
- [अप्रैल 25, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [अप्रैल 26, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [अप्रैल 27, 2025] वैशाख अमावस्या
- [अप्रैल 30, 2025] अक्षय तृतीया
- [मई 8, 2025] मोहिनी एकादशी
- [मई 9, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [मई 12, 2025] वैशाख पूर्णिमा व्रत
- [मई 15, 2025] वृष संक्रांति