करवा चौथ 2018 की तारीख व मुहूर्त
2018 में करवा चौथ व्रत कब है?
27
अक्टूबर, 2018
(शनिवार)

करवा चौथ मुहूर्त New Delhi, India के लिए
करवा चौथ पूजा मुहूर्त :
17:40:30 से 18:47:37 तक
अवधि :
1 घंटे 7 मिनट
करवा चौथ चंद्रोदय समय :
19:55:00
आइए जानते हैं कि 2018 में करवा चौथ कब है व करवा चौथ 2018 की तारीख व मुहूर्त। करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। साथ ही अच्छे वर की कामना से अविवाहिता स्त्रियों के करवा चौथ व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व पूरे उत्तर भारत में ज़ोर-शोर से मनाया जाता है।
करवा चौथ व्रत के नियम
1. यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चांद निकलने तक रखना चाहिए और चन्द्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसको खोला जाता है।
2. शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा की जाती है।
3. पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ़ होना चाहिए तथा स्त्री को पूर्व की तरफ़ मुख करके बैठना चाहिए।
करवा चौथ कथा
करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे और करवा नाम की एक बेटी थी। एक बार करवा चौथ के दिन उनके घर में व्रत रखा गया। रात्रि को जब सब भोजन करने लगे तो करवा के भाइयों ने उससे भी भोजन करने का आग्रह किया। उसने यह कहकर मना कर दिया कि अभी चांद नहीं निकला है और वह चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन करेगी। अपनी सुबह से भूखी-प्यासी बहन की हालत भाइयों से नहीं देखी गयी। सबसे छोटा भाई एक दीपक दूर एक पीपल के पेड़ में प्रज्वलित कर आया और अपनी बहन से बोला - व्रत तोड़ लो; चांद निकल आया है। बहन को भाई की चतुराई समझ में नहीं आयी और उसने खाने का निवाला खा लिया। निवाला खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला। शोकातुर होकर वह अपने पति के शव को लेकर एक वर्ष तक बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही। अगले साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी फिर से आने पर उसने पूरे विधि-विधान से करवा चौथ व्रत किया, जिसके फलस्वरूप उसका पति पुनः जीवित हो गया।
करवा चौथ व्रत की पूजा-विधि
1. सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पूजा घर की सफ़ाई करें। फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
2. यह व्रत उनको संध्या में सूरज अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए।
3. संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें।
4. पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि थाली में रखें। दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए, जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे।
5. चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए। अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएँ साथ पूजा करें।
6. पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएँ।
7. चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।
8. चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनका आशीर्वाद ले और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दे।
करवा चौथ में सरगी
पंजाब में करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ आरम्भ होता है। यह करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन होता है। जो महिलाएँ इस दिन व्रत रखती हैं उनकी सास उनके लिए सरगी बनाती हैं। शाम को सभी महिलाएँ श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं। इस रस्म में महिलाएँ एक घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं। इस रस्म के दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा गाती हैं। भारत के अन्य प्रदेश जैसे उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गौर माता की पूजा की जाती है। गौर माता की पूजा के लिए प्रतिमा गाय के गोबर से बनाई जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. चौथ का क्या महत्व है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है जिसे चौथ कहते हैं। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, जिनकी पूजा करने से जातकों के सभी दुख और विघ्नों का नाश होता है।
2. करवा चौथ का इतिहास क्या है?
जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था तब ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं की पत्नियों को अपने पति के विजयी होने के लिए व्रत रखने का सुझाव दिया था जिसके बाद से करवा चौथ का व्रत मनाया जाने लगा।
3. चौथ व्रत कब है 2018?
साल 2018 में करवा चौथ का व्रत 27 अक्टूबर को रखा जाएगा।
4. करवा चौथ के व्रत का क्या महत्व है?
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के द्वारा अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की के लिए किया जाता है। हालांकि, कई कुंवारी कन्याएँ मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
5. करवा चौथ पर क्या दान करें?
करवा चौथ पर सुहाग से जुड़े समान जैसे कि सोलह शृंगार के सामान आदि का दान किया जाता है।
6. करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं?
करवा चौथ की रात को पत्नी पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य अर्पित करती हैं। इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं।
7. करवा चौथ पर सास को क्या दें?
करवा चौथ पर महिलाएं व्रत खोलने के बाद अपनी सास को करवा (मिट्टी या अन्य धातु से बना एक विशेष बर्तन), मीठे पकवान, कपड़े और सुहाग से जुड़ी वस्तुएं देती हैं जिसे बायना भी कहा जाता है।
8. करवा चौथ पर सास बहू को क्या देती है?
इस दिन सास अपनी बहुओं को सूर्योदय से पहले सरगी देती हैं। इस सरगी की थाल में मिठाई, मठरी, मेवे, फल, कपड़े, गहने, पूरी व सेवई होती है।
एस्ट्रोसेज.कॉम की ओर से आपको करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ!
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- The Future Speaks: Meet World’s First Talking AI Astrologer!
- Kartik Month 2025: List Of Major Fasts And Festivals This Month
- Sharad Purnima 2025: Check Out Its Date, Significance, & More!
- Weekly Horoscope October 6 to 12: Fasts, Festivals & Horoscope!
- Tarot Weekly Horoscope From 05th-11th Oct 2025
- Numerology Weekly Horoscope: 5 October To 11 October, 2025
- Venus Transit In Virgo: Career, Finance & Creativity
- Papankusha Ekadashi 2025: Liberation From Torments Of Yamlok
- Mercury Transit In Libra: Golden Period For These Zodiacs!
- Mercury Rise In Virgo: Check Out Its Date, Impact, & More!
- Breaking News: ‘AI Astrologer on call’ feature launch – ज्योतिष में नया इनोवेशन
- कार्तिक मास 2025: करवा चौथ से कार्तिक पूर्णिमा तक के व्रत और त्योहारों की लिस्ट!
- शरद पूर्णिमा 2025: चंद्रमा की अमृत वर्षा से कैसे मिलता है सौभाग्य और स्वास्थ्य?
- इस सप्ताह रखा जाएगा पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत, नोट कर लें तिथि
- टैरो साप्ताहिक राशिफल 05 से 11 अक्टूबर, 2025: क्या होगा भविष्य?
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 05 अक्टूबर से 11 अक्टूबर, 2025
- शुक्र का कन्या राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया और राशियों पर इसका प्रभाव
- पापांकुशा एकादशी 2025: यमलोक की यातनाओं से मिलेगी मुक्ति, जानें खास नियम
- बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम!
- बुध का कन्या राशि में उदय: इन राशियों को कर देंगे मालामाल!
- [अक्टूबर 10, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [अक्टूबर 10, 2025] करवा चौथ
- [अक्टूबर 17, 2025] रमा एकादशी
- [अक्टूबर 17, 2025] तुला संक्रांति
- [अक्टूबर 18, 2025] धनतेरस
- [अक्टूबर 18, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [अक्टूबर 19, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [अक्टूबर 20, 2025] नरक चतुर्दशी
- [अक्टूबर 21, 2025] दिवाली
- [अक्टूबर 21, 2025] कार्तिक अमावस्या
- [अक्टूबर 22, 2025] गोवर्धन पूजा
- [अक्टूबर 23, 2025] भाई दूज
- [अक्टूबर 28, 2025] छठ पूजा
- [नवंबर 2, 2025] देवुत्थान एकादशी
- [नवंबर 3, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)