होली 2018 की तारीख व मुहूर्त
2018 में होली कब है?
2
मार्च, 2018
(शुक्रवार)
होली New Delhi, India के लिए
आइए जानते हैं कि 2018 में होली कब है व होली 2018 की तारीख व मुहूर्त। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। यदि प्रतिपदा दो दिन पड़ रही हो तो पहले दिन को ही धुलण्डी (वसन्तोत्सव या होली) के तौर पर मनाया जाता है। इस त्योहार को बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाते हैं। बसंत ऋतु में प्रकृति में फैली रंगों की छटा को ही रंगों से खेलकर वसंत उत्सव होली के रूप में दर्शाया जाता है। विशेषतः हरियाणा में इस पर्व को धुलंडी भी कहा जाता है।
होली का इतिहास
होली का वर्णन बहुत पहले से हमें देखने को मिलता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में १६वीं शताब्दी का चित्र मिला है जिसमें होली के पर्व को उकेरा गया है। ऐसे ही विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से ३०० वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है।
होली से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
होली से जुड़ी अनेक कथाएँ इतिहास-पुराण में पायी जाती हैं; जैसे हिरण्यकश्यप-प्रह्लाद की जनश्रुति, राधा-कृष्ण की लीलाएँ और राक्षसी धुण्डी की कथा आदि।
रंगवाली होली से एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की जीत को याद करते हुए होलिका दहन किया जाता है। कथा के अनुसार असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। बालक प्रह्लाद को भगवान कि भक्ति से विमुख करने का कार्य उसने अपनी बहन होलिका को सौंपा, जिसके पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती। भक्तराज प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से होलिका उन्हें अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गयी, लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान की कृपा के फलस्वरूप ख़ुद होलिका ही आग में जल गयी। अग्नि में प्रह्लाद के शरीर को कोई नुक़सान नहीं हुआ।
रंगवाली होली को राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में भी मनाया जाता है। कथानक के अनुसार एक बार बाल-गोपाल ने माता यशोदा से पूछा कि वे स्वयं राधा की तरह गोरे क्यों नहीं हैं। यशोदा ने मज़ाक़ में उनसे कहा कि राधा के चेहरे पर रंग मलने से राधाजी का रंग भी कन्हैया की ही तरह हो जाएगा। इसके बाद कान्हा ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली और तब से यह पर्व रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है।
यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव के श्राप के कारण धुण्डी नामक राक्षसी को पृथु के लोगों ने इस दिन भगा दिया था, जिसकी याद में होली मनाते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में होली का पर्व
कुछ स्थानों जैसे की मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होली के पांचवें दिन रंगपंचमी मनाई जाती है, जो मुख्य होली से भी अधिक ज़ोर-शोर से खेली जाती है। यह पर्व सबसे ज़्यादा धूम-धाम से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है। ख़ास तौर पर बरसाना की लट्ठमार होली बहुत मशहूर है। मथुरा और वृन्दावन में भी १५ दिनों तक होली की धूम रहती है। हरयाणा में भाभी द्वारा देवर को सताने की परंपरा है। महाराष्ट्र में रंग पंचमी के दिन सूखे गुलाल से खेलने की परंपरा है। दक्षिण गुजरात के आदि-वासियों के लिए होली सबसे बड़ा पर्व है। छत्तीसगढ़ में लोक-गीतों का बहुत प्रचलन है और मालवांचल में भगोरिया मनाया जाता है।
रंग-पर्व होली हमें जाति, वर्ग और लिंग आदि विभेदों से ऊपर उठकर प्रेम व शान्ति के रंगों को फैलाने का संदेश देता है। आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- Weekly Horoscope November 3 to 9, 2025: Predictions & More!
- Tarot Weekly Horoscope From 2 November To 8 November, 2025
- Numerology Weekly Horoscope: 2 November To 8 November, 2025
- Venus Transit In Libra: Showers Of Love Incoming!
- Devuthani Ekadashi 2025: Check Out Its Date, Katha, & More!
- November 2025 Numerology Monthly Horoscope: Read Now
- Tarot Talks: November Monthly Messages For The Zodiac Signs!
- Venus Transit In Libra Brings Balance & Justice To The World!
- Chhath Puja 2025: List Of Auspicious Dayy, Muhurat & Remedies
- Mercury-Mars Conjunction In Scorpio & Its Impacts On Zodiacs!
- नवंबर के इस पहले सप्ताह में अस्त हो जाएंगे मंगल, जानें किन राशियों के लिए रहेगा अशुभ?
- टैरो साप्ताहिक राशिफल 02 से 08 नवंबर, 2025: क्या होगा भविष्यफल?
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 02 नवंबर से 08 नवंबर, 2025
- शुक्र का तुला राशि में गोचर: इन राशियों के प्रेम जीवन में आएगी ख़ुशियों की बहार!
- देवउठनी एकादशी के बाद खुलते हैं शुभ कार्यों के द्वार, पढ़ें पूरी कथा और महिमा!
- मासिक अंक फल नवंबर 2025: ये महीना किसके लिए है ख़ास?
- टैरो मासिक राशिफल: नवंबर 2025 में इन राशियों को मिलेगा बड़ा तोहफा!
- शुक्र का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा प्रभाव
- छठ पूजा 2025: नहाय-खाय से लेकर सूर्योदय के अर्घ्य तक, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
- वृश्चिक राशि में मंगल-बुध की युति का 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव? जानें!
- [नवंबर 3, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [नवंबर 5, 2025] कार्तिक पूर्णिमा व्रत
- [नवंबर 8, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [नवंबर 14, 2025] बाल दिवस
- [नवंबर 15, 2025] उत्पन्ना एकादशी
- [नवंबर 16, 2025] वृश्चिक संक्रांति
- [नवंबर 17, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [नवंबर 18, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [नवंबर 20, 2025] मार्गशीर्ष अमावस्या
- [दिसंबर 1, 2025] मोक्षदा एकादशी
- [दिसंबर 2, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [दिसंबर 4, 2025] मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
- [दिसंबर 7, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [दिसंबर 15, 2025] सफला एकादशी
- [दिसंबर 16, 2025] धनु संक्रांति
₹ 




