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चन्द्रमा से जुड़े विशेष व्रत, पर्व और त्यौहार के दिन सुबह उठते ही व्यक्ति के मन में एक सवाल घूमता है कि आज चाँद कब निकलेगा। चंद्रोदय हमारे सौरमंडल में होने वाली एक प्राकृतिक घटना है। आसमान में चन्द्रमा के उदय होने की प्रक्रिया को चंद्रोदय कहते हैं। चांद एक ऐसा विषय है जिसकी चर्चा शास्त्रों से लेकर संगीत और सिनेमा तक में की जाती है। चांद के महत्व का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब आसमान में चांद नहीं दिखता तो चारों ओर अंधेरा छा जाता है। आज एस्ट्रोसेज पर हम आपको चांद, उसका महत्व, चंद्रोदय और चांद के स्वामी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
चंद्रोदय का महत्व
हिन्दू धर्म में चंद्रमा को देवता के रूप माना जाता है। ऐसे कई व्रत-उपवास आदि होती हैं जिनमें चंद्रोदय समय का विशेष महत्व होता है जैसे- करवाचौथ, त्रयोदशी आदि जिसमें उपासक चंद्र दर्शन मतलब चन्द्रमा निकलने के बाद उसकी पूजा पूरे विधि-विधान से करते है और उसके बाद ही अपना उपवास खोलते हैं।
अगर वास्तव में देखें तो चांद का सबसे ज्यादा महत्व करवाचौथ के दिन होता है। करवाचौथ हिन्दू धर्म का एक ऐसा त्यौहार है जब महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। आज चाँद कितने बजे निकलेगा यह सवाल उनके मन में सुबह ही घूमने लगता है। और ज़ाहिर सी बात है कि खाना तो छोड़ दीजिये बिना पानी के सुबह से शाम तक रहना कितना मुश्किल होता होगा।
भारत एक ऐसा देश है, जहाँ अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोग एक साथ रहते हैं। सभी के रहने, बोलने, ज़िन्दगी जीने का अपना अलग तरीका होता है लेकिन इन सभी में कुछ न कुछ समानताएं होती है। चन्द्रमा भी उन्हीं में से एक है। न केवल हिन्दू धर्म बल्कि इस्लाम में भी रमज़ान के पाक महीने में चाँद और चंद्रोदय का काफ़ी महत्व होता है। मुसलमानों के प्रसिद्ध त्यौहार ईद भी चांद देखने के बाद मनाते हैं। ईद के दिन लोगों को यहाँ इंतज़ार रहता हैं कि आज चाँद कब निकलेगा क्यूंकि चांद देखने के बाद भी उनका यह त्यौहार पूरा होता है।
हर शहर के लिए चन्द्र उदय का समय अलग-अलग होता है। किसी भी शहर की भूगोलिक स्थिति के अनुसार व्रत की तालिका का निर्माण करना बहुत जरुरी होता है। इसके अलावा कुछ पर्व और त्यौहारों ऐसे होते हैं जिसे मनाने के लिए पंचांग में चंद्रोदय के समय पड़ने वाली तिथियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है और चंद्र उदय के अनुसार ही पर्व और त्यौहार की तिथियों को निर्धारित किया जाता है।
चन्द्रमा का महत्व
रात्रि के देवता चन्द्रमा को कविता-कहानियों में चंदा मामा कहा जाता है जिसके बारे में हम बचपन से ही सुनते आते हैं। चन्द्रमा पृथ्वी का अकेला प्राकृतिक उपग्रह है जो 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट, 11.6 सेकेण्ड में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है। विज्ञान के अनुसार चन्द्रमा का सीधा प्रभाव व्यक्ति के मन पर पड़ता है। यदि यह किसी जातक की राशि में प्रतिकूल हो तो उसे मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। यदि चंद्र ग्रह की स्थिति आपकी राशि में बिगड़ जाए तो मन व्याकुल और शंकाओं से घिरा रहता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे चंद्र दोष कहा जाता है।
चन्द्रमा जिस दिन अपने पूरे आकर में होता है उस दिन को पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का स्वरूप इतना सुन्दर होता है कि लोग बेसब्री से इंतेज़ार करते हैं कि आज चाँद कब उगेगा। इस दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। लोग इस दिन पूजा-पाठ , व्रत आदि कर चंद्र देव को खुश कर मनोवांछित फल की प्राप्ति की कामना करते हैं।
कौन हैं चंद्र देव?
चन्द्रमा की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास आदि तो बहुत से लोग करते हैं लेकिन हममें से बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि चंद्र देव कौन हैं ?
भागवत पुराण के अनुसार चन्द्रमा को महर्षि अत्रि और अनुसूया का पुत्र माना गया है। चंद्र देव के वस्त्र, इनका रथ और इनका अश्व सभी कुछ श्वेत रंग का है। इनके वंश में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था, जिसकी वजह से चंद्र देव भी भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही सोलह कलाओं से युक्त थे। समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न होने के कारण इन्हें मां लक्ष्मी और कुबेर महाराज का भाई माना गया है। भगवान शिव ने इन्हें अपने मस्तक पर धारण किया है।
चंद्र देव का विवाह राजा दक्ष की 27 कन्याओं से हुआ है, जिन्हें हम 27 नक्षत्रों के रूप में जानते हैं। पुराणों के अनुसार बुध को इनका पुत्र बताया गया है, जिसकी उत्पति तारा से हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि चन्द्रमा की दशा 10 वर्षों की होती है और यह कर्क राशि के स्वामी होते हैं। नवग्रहों में चन्द्रमा को दूसरा स्थान प्राप्त है।
एस्ट्रोसेज पर क्या है खास
एस्ट्रोसेज के अंतर्गत आने वाली कोई भी तालिका विभिन्न शहरों की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रख कर तैयार की जाती है इसीलिए यह ज्यादा विश्वसनीय और सटीक होता है। अधिकांश पंचांग अलग-अलग शहरों के लिए एक ही तालिका का निर्माण करती है इसीलिए वो केवल एक ही शहर के लिए मान्य होते हैं। एस्ट्रोसेज पर दिए गए चंद्रोदय कैल्कुलेटर के माध्यम से आप किसी विशेष व्रत, पर्व, त्यौहार के दिन चंद्रोदय का समय या फिर आज चाँद कब निकलेगा इन सब की जानकारी पा सकते हैं।