तारीख | सुरवातीचा काळ | शेवटचा काळ |
---|---|---|
सोमवार, 01 जानेवारी | 07:13:55 | 20:54:58 |
रविवार, 07 जानेवारी | 08:01:32 | 31:15:05 |
बुधवार, 10 जानेवारी | 15:45:48 | 24:57:40 |
सोमवार, 15 जानेवारी | 16:39:28 | 23:32:20 |
बुधवार, 17 जानेवारी | 07:14:53 | 26:15:35 |
गुरुवार, 25 जानेवारी | 13:59:03 | 31:12:49 |
शुक्रवार, 26 जानेवारी | 07:12:26 | 17:14:56 |
सोमवार, 29 जानेवारी | 13:55:01 | 31:11:09 |
रविवार, 04 फेब्रुवारी | 07:07:57 | 18:24:35 |
सोमवार, 05 फेब्रुवारी | 16:17:18 | 22:00:34 |
बुधवार, 07 फेब्रुवारी | 13:27:25 | 20:46:18 |
बुधवार, 14 फेब्रुवारी | 07:00:50 | 17:50:36 |
रविवार, 18 फेब्रुवारी | 06:57:28 | 14:42:53 |
शुक्रवार, 23 फेब्रुवारी | 10:08:12 | 25:07:03 |
सोमवार, 26 फेब्रुवारी | 07:31:18 | 22:55:15 |
शुक्रवार, 02 मार्च | 15:20:35 | 30:45:52 |
रविवार, 04 मार्च | 08:30:58 | 30:43:46 |
सोमवार, 12 मार्च | 06:34:59 | 29:31:48 |
बुधवार, 18 एप्रिल | 11:33:41 | 29:53:12 |
गुरुवार, 19 एप्रिल | 05:52:10 | 15:30:44 |
रविवार, 22 एप्रिल | 05:49:10 | 12:56:49 |
गुरुवार, 26 एप्रिल | 10:14:34 | 23:46:30 |
शुक्रवार, 27 एप्रिल | 19:57:54 | 29:44:24 |
सोमवार, 30 एप्रिल | 09:14:37 | 20:27:32 |
सोमवार, 07 मे | 05:36:38 | 24:37:24 |
गुरुवार, 10 मे | 12:33:00 | 29:33:51 |
बुधवार, 16 मे | 05:30:03 | 21:03:24 |
शुक्रवार, 18 मे | 05:28:57 | 29:28:57 |
बुधवार, 23 मे | 18:56:19 | 29:26:32 |
गुरुवार, 24 मे | 05:26:08 | 13:12:53 |
शुक्रवार, 25 मे | 09:58:34 | 29:25:45 |
रविवार, 27 मे | 09:14:35 | 29:25:01 |
शुक्रवार, 01 जून | 05:23:39 | 29:23:39 |
रविवार, 03 जून | 18:00:32 | 29:23:14 |
बुधवार, 06 जून | 13:25:33 | 29:22:48 |
गुरुवार, 07 जून | 05:22:43 | 16:23:53 |
गुरुवार, 14 जून | 10:05:38 | 29:22:39 |
शुक्रवार, 15 जून | 05:22:44 | 09:46:38 |
गुरुवार, 21 जून | 05:23:36 | 29:23:36 |
शुक्रवार, 22 जून | 05:23:49 | 18:36:50 |
रविवार, 24 जून | 05:24:18 | 13:19:54 |
गुरुवार, 28 जून | 12:47:29 | 29:25:28 |
रविवार, 01 जुलै | 05:26:31 | 16:08:58 |
बुधवार, 04 जुलै | 05:27:40 | 12:39:39 |
रविवार, 08 जुलै | 20:33:55 | 29:29:23 |
सोमवार, 09 जुलै | 05:29:50 | 21:25:36 |
गुरुवार, 12 जुलै | 05:31:16 | 20:32:56 |
बुधवार, 18 जुलै | 08:55:38 | 29:34:20 |
शुक्रवार, 20 जुलै | 24:51:38 | 29:35:25 |
बुधवार, 25 जुलै | 21:36:11 | 29:38:10 |
गुरुवार, 26 जुलै | 05:38:42 | 18:50:59 |
शुक्रवार, 27 जुलै | 19:05:11 | 29:39:17 |
रविवार, 05 ऑगस्ट | 05:44:22 | 29:44:22 |
सोमवार, 06 ऑगस्ट | 05:44:54 | 10:35:36 |
बुधवार, 08 ऑगस्ट | 05:46:03 | 10:22:14 |
बुधवार, 15 ऑगस्ट | 05:49:55 | 15:49:03 |
शुक्रवार, 17 ऑगस्ट | 06:16:40 | 11:29:16 |
गुरुवार, 23 ऑगस्ट | 06:50:13 | 29:54:10 |
शुक्रवार, 24 ऑगस्ट | 05:54:42 | 29:54:42 |
सोमवार, 10 सप्टेंबर | 09:33:58 | 30:03:15 |
बुधवार, 12 सप्टेंबर | 06:04:13 | 14:10:54 |
गुरुवार, 13 सप्टेंबर | 12:19:12 | 21:41:21 |
बुधवार, 19 सप्टेंबर | 18:00:34 | 30:07:38 |
गुरुवार, 20 सप्टेंबर | 06:08:08 | 18:59:33 |
रविवार, 23 सप्टेंबर | 19:51:15 | 24:01:12 |
शुक्रवार, 28 सप्टेंबर | 07:43:00 | 30:12:09 |
बुधवार, 03 ऑक्टोबर | 06:14:47 | 15:24:21 |
सोमवार, 08 ऑक्टोबर | 06:17:30 | 20:57:21 |
गुरुवार, 11 ऑक्टोबर | 10:38:21 | 18:29:52 |
बुधवार, 17 ऑक्टोबर | 06:22:45 | 30:40:15 |
रविवार, 21 ऑक्टोबर | 12:33:51 | 28:52:55 |
गुरुवार, 25 ऑक्टोबर | 13:55:02 | 22:36:46 |
रविवार, 28 ऑक्टोबर | 21:25:59 | 28:14:58 |
रविवार, 04 नोव्हेंबर | 06:34:53 | 17:31:44 |
सोमवार, 12 नोव्हेंबर | 17:57:05 | 30:40:57 |
बुधवार, 14 नोव्हेंबर | 19:37:20 | 27:00:39 |
रविवार, 18 नोव्हेंबर | 06:45:41 | 11:00:36 |
बुधवार, 21 नोव्हेंबर | 19:55:58 | 30:48:04 |
गुरुवार, 22 नोव्हेंबर | 06:48:52 | 11:54:59 |
शुक्रवार, 23 नोव्हेंबर | 14:00:44 | 25:05:12 |
रविवार, 25 नोव्हेंबर | 17:06:40 | 30:51:16 |
सोमवार, 26 नोव्हेंबर | 06:52:02 | 29:55:41 |
सोमवार, 03 डिसेंबर | 06:57:30 | 21:19:19 |
रविवार, 09 डिसेंबर | 10:39:26 | 31:01:55 |
सोमवार, 10 डिसेंबर | 07:02:36 | 31:02:37 |
शुक्रवार, 14 डिसेंबर | 14:50:07 | 31:05:17 |
गुरुवार, 20 डिसेंबर | 07:08:49 | 31:24:12 |
रविवार, 23 डिसेंबर | 07:10:22 | 30:57:03 |
शुक्रवार, 28 डिसेंबर | 10:44:34 | 26:25:05 |
रविवार, 30 डिसेंबर | 07:13:11 | 31:13:11 |
हिन्दू धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत सदैव मुहूर्त देखकर की जाती है। विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन समेत वाहनों को खरीदने के लिए हिन्दू पंचांग में विशेष तिथि, नक्षत्र और लग्न निर्धारित किये गये हैं। वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त देखकर खरीदे गये वाहनों से घर में सुख-शांति आती है और दुर्घटनाओं का भय कम होता है। कार, बाइक, ट्रक और अन्य सभी तरह के कमर्शियल और नॉन कमर्शियल वाहनों की खरीद के लिए मुहूर्त होते हैं। इनमें वार, तिथि और नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है।
चर नक्षत्र- कार और अन्य वाहनों को खरीदने के लिए पुनर्वसु, स्वाति, श्रवण,धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र विशेष रूप से शुभ माने गये हैं क्योंकि इन्हें चर नक्षत्र कहा जाता है। इसके अलावा अन्य नक्षत्र भी उत्तम माने जाते हैं, साथ ही ये नक्षत्र पहली बार वाहन चलाने के लिए शुभ कहे गये हैं।
शुभ दिन- सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और रविवार वाहन खरीदने के लिए शुभ दिन माने जाते हैं। हालांकि इनमें शुक्रवार को सबसे अच्छा बताया गया है।
शुभ तिथि- समस्त प्रकार के वाहनों को खरीदने के लिए प्रथमा, तृतीया, पंचमी, षष्टी, अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा की तिथि शुभ मानी जाती है। अमावस्या की तिथि में वाहन नहीं खरीदना चाहिये।
शुभ लग्न- मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में वाहन खरीदना श्रेष्ठ माना गया है।
चर और द्विस्वभाव लग्न- चर और द्विस्वभाव लग्न वाहन चलाने और नया वाहन खरीदने के लिए शुभ माने जाते हैं। इनमें मेष, कर्क, तुला और मकर चर लग्न हैं और मिथुन, कन्या, धनु व मीन द्विस्वभाव वाले लग्न हैं।
चंद्रमा की स्थिति- जिस दिन आप वाहन खरीदने जा रहे हैं उस दिन चंद्रमा षष्टम, अष्टम और द्वादश भाव में नहीं होना चाहिए। इसके अलावा चतुर्थ भाव के स्वामी और कुंडली में शुक्र की स्थिति का अवलोकन भी अवश्य करना चाहिए।
वाहन खरीद के लिए शुभ तिथि, नक्षत्र, लग्न और वार के अलावा भी ऐसे कई शुभ मुहूर्त आते हैं, जब बिना मुहूर्त देखे वाहनों की खरीद की जाती है। इनमें अक्षय तृतीया, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, रवि पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग आदि प्रमुख हैं। हिन्दू धर्म और वैदिक ज्योतिष में इन मुहूर्तों का विशेष महत्व है। इन मुहूर्तों में कई मांगलिक और शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे आरंभ किये जा सकते हैं। हालांकि विवाह के विषय में यह पूर्ण रूप से लागू नहीं होते हैं।
वैदिक ज्योतिष में राहु को क्रूर व पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है, इसलिए यह बुरे फल प्रदान करता है। शुभ कार्य में समस्या और अड़चन उत्पन्न करना राहु का स्वभाव है अतः राहु काल में शुभ कार्यो की शुरुआत करने से बचना चाहिए।
● राहु काल में शुरू किया गया कार्य बिना परेशानी के पूरा नहीं होता है। इस दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
● राहु काल में कार, बाइक या अन्य वाहन और मकान, आभूषण आदि भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए।
● इस अवधि में वाहन की खरीदी और बिक्री दोनों से बचना चाहिए।
इसलिए यदि आप वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं तो राहु काल के बारे में विचार अवश्य कर लें।
हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि शुभ मुहूर्त में कार, बाइक या अन्य वाहन खरीदा जाये, ताकि उस मुहूर्त विशेष में ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति का उसे लाभ मिले। इसके अलावा राशि के अनुसार भी वाहनों के रंगों का विशेष ज्योतिषीय महत्व होता है।
मेष- इस राशि के लोगों के लिए नीला या उससे मिलते-जुलते रंग के वाहन शुभ होते हैं। वहीं काले और भूरे रंग का वाहन लेने से बचना चाहिए।
वृषभ- सफेद और क्रीम कलर के वाहन वृषभ राशि के जातकों के लिए अच्छे माने जाते हैं। वहीं पीले और गुलाबी रंग के वाहनों को खरीदने से बचना चाहिए।
मिथुन- इस राशि के लोगों के लिए हरा या क्रीम कलर का वाहन लाभदायक माना गया है।
कर्क- इस राशि के जातकों को काले, पीले और लाल रंग के वाहन खरीदने चाहिये। क्योंकि ये रंग उनके लिए शुभ माने गये हैं।
सिंह- ग्रे और स्लेटी रंग के वाहन सिंह राशि के लोगों के लिए शुभ साबित होते हैं।
कन्या- सफेद और नीले रंग के वाहन कन्या राशि के लोगों के लिए शुभ माने गये हैं। हालांकि लाल रंग के वाहन कन्या राशि वाले जातकों को नहीं लेना चाहिए।
तुला- इस राशि के लोगों के लिए काले अथवा भूरे रंग का वाहन शुभ माना गया है।
वृश्चिक- इन लोगों को सफेद रंग के वाहन खरीदने चाहिये। वहीं काले रंग के वाहन को खरीदने से बचें।
धनु- सिल्वर और लाल रंग के वाहन धनु राशि के लोगों के लिए विशेष फलदायी माने गये हैं। वहीं काले और नीले रंग के वाहन नहीं लेना चाहिए।
मकर- सफेद, ग्रे और स्लेटी रंग के वाहन इन राशि वालों के लिए अच्छे माने जाते हैं।
कुंभ- इस राशि के लोगों को सफेद, ग्रे या नीले रंग के वाहन खरीदने चाहिए।
मीन- पीला, नारंगी या गोल्डन रंग का वाहन मीन राशि के जातकों के लिए लाभकारी होता है।
घर के साथ-साथ वाहन खरीदना भी हर व्यक्ति का सपना होता है इसलिए यह जरूरी है कि जिस प्रकार शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश किया जाता है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छे मुहूर्त में वाहनों की खरीद की जाये। क्योंकि वाहन आपके जीवन की बड़ी जरुरतों में से एक है, इसलिए वाहन को खरीदने के बाद उसकी पूजा की जाती है ताकि आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे।