2042 मधील रवि पुष्य योग

2042 रवि पुष्य नक्षत्र, तारीख New Delhi, India साठी

तारीख सुरवातीचा काळ शेवटचा काळ
रविवार, 02 मार्च 25:11:56 30:44:49
रविवार, 30 मार्च 07:04:24 30:13:04
रविवार, 27 एप्रिल 05:44:24 15:50:07
रविवार, 30 नोव्हेंबर 27:31:49 30:55:58
रविवार, 28 डिसेंबर 13:52:03 31:12:51

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं। इनमें 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है, जो बेहद ही शुभ एवं कल्याणकारी नक्षत्र है, इसलिए इसे नक्षत्रों का सम्राट भी कहा जाता है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन होता है तो इस नक्षत्र एवं वार के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है। इस योग में ग्रहों की सभी बुरी दशाएँ अनुकूल हो जाती हैं, जिसका परिणाम सदैव आपके लिए शुभकारी होता है। रवि पुष्य योग को रवि पुष्य नक्षत्र योग भी कहा जाता है।

रवि पुष्य योग में इन कार्यों को करना माना जाता है बेहद शुभ

रवि पुष्य योग समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए उत्तम माना गया है। यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो अथवा कोई अच्छा मुहूर्त नहीं भी हो, ऐसी स्थिति में भी रवि पुष्य योग सभी कार्यों के लिए परम लाभकारी होता है लेकिन विवाह को छोड़कर। इस योग में सोने के आभूषण, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीददारी करना लाभदायक होता है। रवि पुष्य योग में नए व्यापार और व्यवसाय की शुरुआत करना भी श्रेष्ठ बताया जाता है। इसके अलावा यह योग तंत्र-मंत्र की सिद्धि एवं जड़ी-बूटी ग्रहण करने में विशेष रूप से उपयोगी होता है।

1.  इस दिन साधना करने से उसमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है।
2.  कार्य की गुणवत्ता एवं उसके प्रभाव में वृद्धि होती है।
3.  धन वैभव में वृद्धि होती है।
4.  यंत्र सिद्धि के लिए यह शुभ दिन होता है।
5.  जन्मकुंडली में स्थित सूर्य के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।
6.  सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन सुर्ख लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।
7.  जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।

रवि पुष्य योग पर करें ये धार्मिक कर्म और उपाय

●  रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।
●  रविवार के दिन मंदिर में दीपक जलाने से कार्य में आने वाली बाधा समाप्त होती है।
●  तांबे के लोटे में जल में दूध, लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शत्रु कमजोर होते हैं।

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