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नामकरण संस्कार 2155 दिनांक और मुहूर्त

नामकरण संस्कार 2155 दिनांक New Delhi, India के लिए

दिनांक आरंभ काल समाप्ति काल
बुधवार, 01 जनवरी 07:13:55 21:28:13
रविवार, 05 जनवरी 07:14:47 31:14:47
गुरुवार, 09 जनवरी 07:15:15 31:15:16
शुक्रवार, 10 जनवरी 07:15:18 30:49:39
बुधवार, 15 जनवरी 07:15:08 31:15:08
गुरुवार, 16 जनवरी 07:15:02 18:04:18
रविवार, 19 जनवरी 07:14:31 27:22:52
गुरुवार, 23 जनवरी 09:03:09 31:13:30
शुक्रवार, 24 जनवरी 07:13:10 31:13:10
रविवार, 26 जनवरी 07:12:26 28:16:44
रविवार, 02 फरवरी 07:46:17 18:09:22
सोमवार, 03 फरवरी 16:00:40 31:08:32
गुरुवार, 06 फरवरी 07:06:41 31:06:41
शुक्रवार, 07 फरवरी 07:06:01 31:06:01
बुधवार, 12 फरवरी 07:02:25 26:11:33
बुधवार, 19 फरवरी 14:55:26 30:56:35
गुरुवार, 20 फरवरी 06:55:41 18:40:14
शुक्रवार, 21 फरवरी 18:25:56 30:54:45
रविवार, 23 फरवरी 06:52:53 15:46:19
सोमवार, 24 फरवरी 14:58:25 30:51:54
शुक्रवार, 28 फरवरी 08:25:50 30:47:56
सोमवार, 03 मार्च 19:18:39 24:56:01
बुधवार, 05 मार्च 06:42:42 30:42:41
गुरुवार, 06 मार्च 06:41:38 15:27:03
शुक्रवार, 07 मार्च 15:30:40 24:32:46
सोमवार, 10 मार्च 06:37:14 30:37:13
शुक्रवार, 14 मार्च 15:36:57 30:32:44
बुधवार, 19 मार्च 06:27:00 30:26:59
गुरुवार, 20 मार्च 06:25:50 30:25:50
शुक्रवार, 21 मार्च 06:24:41 30:24:41
रविवार, 23 मार्च 20:24:33 30:22:21
सोमवार, 24 मार्च 06:21:12 19:09:40
गुरुवार, 27 मार्च 18:01:43 30:17:42
शुक्रवार, 28 मार्च 06:16:32 30:16:32
रविवार, 30 मार्च 10:42:40 30:14:13
बुधवार, 02 अप्रैल 07:45:35 30:10:45
गुरुवार, 03 अप्रैल 06:09:38 30:09:37
रविवार, 06 अप्रैल 12:57:20 30:06:12
सोमवार, 07 अप्रैल 06:05:04 30:05:04
शुक्रवार, 11 अप्रैल 20:10:59 26:32:00
गुरुवार, 17 अप्रैल 05:54:14 29:54:14
शुक्रवार, 18 अप्रैल 05:53:12 29:53:12
रविवार, 20 अप्रैल 05:51:09 14:33:27
बुधवार, 23 अप्रैल 20:10:17 29:48:11
गुरुवार, 24 अप्रैल 05:47:12 26:19:35
रविवार, 27 अप्रैल 05:44:24 16:13:17
सोमवार, 28 अप्रैल 16:03:26 29:43:30
रविवार, 04 मई 05:38:21 24:53:21
गुरुवार, 08 मई 07:49:31 29:35:17
शुक्रवार, 09 मई 05:34:34 10:42:16
सोमवार, 12 मई 16:39:17 29:32:31
बुधवार, 14 मई 05:31:14 29:31:14
गुरुवार, 15 मई 05:30:37 11:58:04
शुक्रवार, 16 मई 09:44:25 14:32:04
रविवार, 18 मई 05:28:57 10:06:27
बुधवार, 21 मई 05:27:26 29:27:26
गुरुवार, 22 मई 05:26:58 23:13:42
शुक्रवार, 23 मई 22:09:19 29:26:32
सोमवार, 26 मई 05:25:23 29:25:23
बुधवार, 28 मई 05:24:42 24:17:20
रविवार, 01 जून 05:23:39 29:23:39
बुधवार, 04 जून 19:53:49 29:23:05
गुरुवार, 05 जून 05:22:57 17:54:55
बुधवार, 11 जून 05:22:34 29:22:34
गुरुवार, 12 जून 05:22:35 24:51:11
शुक्रवार, 20 जून 05:23:25 27:47:52
रविवार, 22 जून 05:23:49 17:00:35
सोमवार, 23 जून 16:53:07 29:24:03
शुक्रवार, 27 जून 09:56:51 21:32:55
बुधवार, 02 जुलाई 05:26:52 24:09:40
रविवार, 06 जुलाई 08:03:08 29:28:30
सोमवार, 07 जुलाई 05:28:57 29:28:57
बुधवार, 09 जुलाई 15:09:45 29:29:50
गुरुवार, 10 जुलाई 05:30:18 10:19:33
शुक्रवार, 11 जुलाई 08:55:40 29:30:48
सोमवार, 14 जुलाई 22:12:19 29:32:15
बुधवार, 16 जुलाई 05:33:17 16:18:31
शुक्रवार, 18 जुलाई 07:31:00 12:01:31
रविवार, 20 जुलाई 05:35:24 29:35:25
सोमवार, 21 जुलाई 05:35:57 27:32:15
गुरुवार, 24 जुलाई 15:41:28 29:37:35
शुक्रवार, 25 जुलाई 05:38:09 29:38:10
रविवार, 03 अगस्त 05:43:13 29:43:14
सोमवार, 04 अगस्त 05:43:48 29:43:48
बुधवार, 06 अगस्त 05:44:54 17:52:35
शुक्रवार, 08 अगस्त 05:46:03 15:52:22
बुधवार, 13 अगस्त 24:22:32 29:48:49
गुरुवार, 14 अगस्त 05:49:21 22:05:03
रविवार, 17 अगस्त 05:50:59 29:51:00
सोमवार, 18 अगस्त 05:51:32 19:15:50
गुरुवार, 21 अगस्त 18:36:40 29:53:07
शुक्रवार, 22 अगस्त 05:53:39 27:24:24
सोमवार, 25 अगस्त 09:23:45 27:59:07
शुक्रवार, 29 अगस्त 19:35:47 29:57:15
रविवार, 31 अगस्त 05:58:16 11:54:59
सोमवार, 01 सितंबर 12:16:13 29:58:46
बुधवार, 03 सितंबर 23:27:39 29:59:46
गुरुवार, 04 सितंबर 06:00:16 22:42:49
रविवार, 07 सितंबर 17:47:01 30:01:45
सोमवार, 08 सितंबर 06:02:15 30:02:15
बुधवार, 10 सितंबर 15:23:11 30:03:15
शुक्रवार, 12 सितंबर 06:42:53 30:04:13
बुधवार, 17 सितंबर 06:12:15 30:06:39
गुरुवार, 18 सितंबर 06:07:10 30:07:09
रविवार, 21 सितंबर 16:31:31 30:08:37
सोमवार, 22 सितंबर 06:09:07 19:28:21
रविवार, 28 सितंबर 06:12:09 30:12:09
सोमवार, 29 सितंबर 06:12:41 22:38:46
बुधवार, 01 अक्टूबर 06:13:44 28:09:11
रविवार, 05 अक्टूबर 12:27:44 30:15:51
सोमवार, 06 अक्टूबर 06:16:24 21:10:00
बुधवार, 08 अक्टूबर 06:17:30 17:49:05
शुक्रवार, 10 अक्टूबर 06:18:37 30:18:38
रविवार, 12 अक्टूबर 06:19:47 13:59:16
बुधवार, 15 अक्टूबर 06:21:33 30:21:33
गुरुवार, 16 अक्टूबर 06:22:08 18:51:03
गुरुवार, 23 अक्टूबर 10:40:36 30:26:32
शुक्रवार, 24 अक्टूबर 06:27:12 13:09:31
रविवार, 26 अक्टूबर 12:34:49 30:28:33
सोमवार, 27 अक्टूबर 06:29:12 12:14:48
रविवार, 02 नवंबर 06:33:26 21:15:45
बुधवार, 05 नवंबर 23:54:00 30:35:38
गुरुवार, 06 नवंबर 06:36:21 30:36:22
शुक्रवार, 07 नवंबर 06:37:06 13:16:18
सोमवार, 10 नवंबर 24:00:26 30:39:23
बुधवार, 12 नवंबर 06:40:57 13:34:14
रविवार, 16 नवंबर 06:44:05 11:37:06
बुधवार, 19 नवंबर 19:40:31 30:46:28
गुरुवार, 20 नवंबर 06:47:15 30:47:15
शुक्रवार, 21 नवंबर 06:48:03 30:48:04
शुक्रवार, 28 नवंबर 14:02:24 30:53:37
सोमवार, 01 दिसंबर 07:11:05 30:55:58
बुधवार, 03 दिसंबर 06:57:30 30:57:30
गुरुवार, 04 दिसंबर 06:58:15 30:58:15
शुक्रवार, 05 दिसंबर 06:59:01 29:46:42
सोमवार, 08 दिसंबर 07:40:32 31:01:13
बुधवार, 10 दिसंबर 07:02:36 11:09:00
बुधवार, 17 दिसंबर 07:07:07 21:17:06
शुक्रवार, 19 दिसंबर 07:08:17 31:08:17
सोमवार, 22 दिसंबर 07:09:52 18:28:47
गुरुवार, 25 दिसंबर 21:16:31 31:11:17
शुक्रवार, 26 दिसंबर 07:11:43 26:11:38
रविवार, 28 दिसंबर 13:59:41 31:12:29
सोमवार, 29 दिसंबर 07:12:50 12:21:34
बुधवार, 31 दिसंबर 07:13:29 15:35:47

हिन्दू धर्म के सभी 16 संस्कारों में नामकरण संस्कार को बेहद अहम माना जाता है। वैसे तो आजकल आधुनिक युग में माँ बाप अपने बच्चों का नाम यूँ ही किसी भी दिन रख देते हैं। लेकिन हमारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर किसी भी नवजात शिशु का नाम बाक़ायदा नामकरण संस्कार के दौरान ही सभी बड़े बुजुर्गों की निगरानी में रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके नाम का महत्व सबसे ख़ास होता है क्योंकि उसे उसकी पहचान उसके नाम से ही मिलती है। आज इस लेख के जरिये हम आपको नामकरण संस्कार के लाभ और साथ ही इस साल इसके विशेष मुहूर्त के बारे में भी बताने जा रहे हैं। नामकरण संस्कार का विशेष मुहूर्त पर होना भी ख़ासा मायने रखता है। जिस प्रकार से अन्य अहम् कार्यों और प्रयोजनों के लिए मुहूर्त देखकर ही उसे संपन्न करवाया जाता है, ठीक उसी प्रकार से शिशु का नाम भी शुभ मुहूर्त में ही रखना चाहिए। धार्मिक आधारों पर ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय आधारों पर भी नामकरण संस्कार को अहम माना गया है। आईये जानते हैं, इस साल नामकरण संस्कार के लिए कौन से मुहूर्त हैं ख़ास और क्या है इसकी अहमियत।

नामकरण मुहूर्त के लिए तिथि, नक्षत्र और मास विचार

1.  शिशु के जन्म के ग्यारहवें या बारहवें दिन के बाद नामकरण संस्कार करवा लेना चाहिए।
2.  ये संस्कार बच्चे के जन्म के दस दिन के सूतक की अवधि उपरान्त करवाना बेहतर रहता है।
3.  बालक के जन्म से 10वें दिन जब सूतिका का शुद्धिकरण यज्ञ संपन्न कराया जाता है, तभी नामकरण संस्कार कराना चाहिए।
4.  ध्यान रखें की चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी पर इस संस्कार को ना करवाएं। अमावस्या तिथि को त्यागना भी बेहतर रहता है।
5.  यदि हम वार की बात करें तो नामकरण संस्कार किसी भी शुभ दिन जैसे सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार के दिन करवाया जा सकता है।
6.  नक्षत्रों में अश्वनी, शतभिषा, स्वाति, चित्रा, रेवती, हस्त, पुष्य, रोहिणी, मृगशिरा और अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, उत्तराफ़ाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद, श्रवण नक्षत्रों को नामकरण संस्कार के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
7.  व्यक्ति विशेष की कुल परंपरा के आधार पर नवजात शिशु का नामकरण संस्कार साल भर के बाद भी करवाया जा सकता है।
8.  ज्योतिषीय मान्यताओं के आधार पर नामकरण के समय बच्चे के दो नाम रखे जाते हैं, एक गुप्त नाम और दूसरा प्रचलित नाम।
9.  नामकरण संस्कार के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि बच्चे का नाम उस नक्षत्र के अनुसार ही रखा जाए जिस नक्षत्र में उसका जन्म हुआ है। हालाँकि ज्योतिषीय मार्गदर्शन में इसको संपन्न करवाना बेहतर रहता है।

नामकरण संस्कार के लिए इस प्रकार से निकालें शुभ मुहूर्त

किसी भी संस्कार के लिए मुहूर्त लोग ज्योतिषाचार्य या किसी कुशल पंडित से ही निकलवाते हैं। इसलिए शिशु के जन्म के बाद विशेष रूप से किसी पंडित को बुलाकर नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाया जाता है। इस दौरान पंडित जी पंचांग की मदद से शुभ मुहूर्त की गणना करते हैं। आजकल आधुनिक युग की बात करें तो अब मुहूर्त निकालने के लिए आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं। आजकल बहुत से ऐसे वेबसाइट और ऐप आ चुके हैं जिसकी मदद से आप स्वयं भी किसी भी प्रयोजन के लिए शुभ मुहूर्त निकाल सकते हैं। आप आसानी से गूगल प्ले से ऐप डाउनलोड कर स्वयं ही मुहूर्त निकाल सकते हैं। लिहाजा आज आपको शुभ मुहूर्त निकालने के लिए किसी पंडित या ज्योतिषी के पास जाने की आवश्यकता नहीं रह गयी है। हालाँकि इस संस्कार को संपन्न कराने के लिए आपको प्रख्यात पंडितों की आवश्यकता होगी, लेकिन शुभ मुहूर्त आप स्वयं भी बहुत ही आसानी से निकाल सकते हैं। फिर भी किसी अच्छे ज्योतिषी के मार्गदर्शन में शुभ मुहूर्त निकालना बेहतर रहता है।

नामकरण संस्कार के विशेष लाभ

हिन्दू धर्म के पवित्र 16 संस्कारों में नामकरण एक महत्वपूर्ण संस्कार है। जैसा की आप सभी इस बात को भली भांति समझते होंगें की किसी भी व्यक्ति के जीवन में नाम की क्या अहमियत होती है। समाज में व्यक्ति को पहचान उसके नाम से ही मिलती है। जाहिर है कि नामकरण संस्कार का महत्व इस प्रकार से अपने आप ही बढ़ जाता है। हालांकि जन्म के बाद शिशु को अक्सर माँ बाप या रिश्तेदार स्वयं ही किसी ना किसी नाम से पुकारने लगते हैं। लेकिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जन्म के ग्यारहवें या बारहवें दिन ही सम्पूर्ण विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में नामकरण संस्कार का समापन होना चाहिए। इस संस्कार के दौरान पंडित या पुरोहित शिशु की जन्मकुंडली के आधार पर और ग्रह नक्षत्रों की गणना करने के बाद ही उसका नाम रखते हैं। इस संस्कार को करवाने से शिशु को ना केवल बाहरी बल्कि आंतरिक लाभ भी मिलता है। नामकरण संस्कार अवश्य करवाना चाहिए क्योंकि इससे शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास में भी मदद मिलती है। इसके अलावा इस संस्कार को करवाने का एक लाभ ये भी है की इससे शिशु की आयु और बुद्धि में भी वृद्धि होती है। विशेष रूप से नामकरण संस्कार के द्वारा शिशु को एक नयी पहचान मिलती है, जो उसके भविष्य के लिए विशेष अहम होती है।

नामकरण संस्कार के दौरान बरती जाने वाली विशेष सावधानियां

1.  नामकरण संस्कार हमेशा ही किसी पवित्र और साफ़ सुथरे स्थान पर ही करना चाहिए। वैसे तो इसे घर पर ही कराएं लेकिन यदि संभव ना हो तो किसी धार्मिक स्थल या मंदिर में भी इस संस्कार का आयोजन किया जा सकता है।
2.  इस संस्कार के दौरान शिशु का नाम उसकी राशि के अनुसार ही रखें। ऐसा ना करने से भविष्य में बच्चे को हानि होने की संभावना रहती है। नामकरण मुहूर्त का निर्धारण शिशु की ग्रह दशा और भविष्य फल के आधार पर भी की जा सकती है।
3.  नामकरण संस्कार हमेशा शुभ मुहूर्त देखकर ही कराना चाहिये। इसके लिए आप पंडितों की मदद भी ले सकते हैं और स्वयं भी इंटरनेट और विशेष ऐप के मदद से मुहूर्त निकाल सकते हैं।
4.  इस बात का ख़ास ध्यान रखें की नामकरण संस्कार के दिन घर पर मीट, मछली, अंडे जैसे तामसी भोजन सहित मदिरापान भूलकर भी ना करें।
5.  नामकरण संस्कार के दिन सुबह के वक़्त यदि संभव हो तो गौ माता को रोटी खिलाएं।
6.  इस दिन बच्चे के पिता भूलकर भी दाढ़ी और बाल ना कटवाएं।
7.  इस दिन घर आये किसी भी मेहमान के साथ बुरा बर्ताव ना करें।
8.  परिवार के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद बच्चे को जरूर दिलाएँ।
9.  नामकरण संस्कार के दौरान शिशु के माता पिता के साथ ही परिवार के अन्य बड़े बुजुर्गों का शामिल होना भी अनिवार्य है।
10.  इस दिन भूखों को खाना खिलाने से शिशु को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

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