अमृत सिद्धि योग 2103 तारीखें

अमृत सिद्धि योग 2103 दिनांक New Delhi, India

दिनांक आरंभ काल समाप्ति काल
मंगलवार, 16 जनवरी 07:15:02 16:29:57
रविवार, 28 जनवरी 18:56:11 31:11:09
रविवार, 25 फरवरी 06:50:55 26:59:38
रविवार, 25 मार्च 06:20:01 08:52:59
बुधवार, 28 मार्च 12:22:34 30:15:24
शुक्रवार, 06 अप्रैल 22:39:25 30:05:04
बुधवार, 25 अप्रैल 05:46:15 18:23:01
शुक्रवार, 04 मई 07:35:29 29:37:35
शुक्रवार, 01 जून 05:23:39 13:07:07
सोमवार, 02 जुलाई 19:09:57 29:27:15
गुरुवार, 05 जुलाई 24:14:05 29:28:30
शनिवार, 28 जुलाई 23:56:58 29:40:23
सोमवार, 30 जुलाई 05:40:58 26:29:49
गुरुवार, 02 अगस्त 06:48:23 29:43:14
शनिवार, 25 अगस्त 05:55:13 30:35:29
सोमवार, 27 अगस्त 05:56:15 08:05:15
गुरुवार, 30 अगस्त 05:57:47 15:25:02
मंगलवार, 18 सितंबर 17:26:49 30:07:38
शनिवार, 22 सितंबर 06:09:07 13:26:38
मंगलवार, 16 अक्टूबर 06:22:08 25:53:29
रविवार, 28 अक्टूबर 15:52:36 30:30:35
मंगलवार, 13 नवंबर 06:41:44 12:19:32
रविवार, 25 नवंबर 06:51:16 26:05:24
रविवार, 23 दिसंबर 07:10:22 10:34:37
बुधवार, 26 दिसंबर 15:57:36 31:12:06

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमृत सिद्धि योग को अत्यंत शुभ योग माना गया है। यह योग नक्षत्र एवं वार के संयोग से बनता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग में किए गए सभी कार्य पूर्ण रूप से सफल होते हैं, इसलिए समस्त मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए इस योग को प्राथमिकता दी जाती है। इस योग में किसी नए कार्य को प्रारंभ करना भी शुभ माना जाता है। जैसे- व्यापार संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, ज़मीन, वाहन, एवं स्वर्ण की ख़रीदारी, विदेशगमन आदि।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन कारणों से अमृत सिद्धि योग बनता है-

1.  हस्त नक्षत्र यदि रविवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
2.  मृगशिरा नक्षत्र यदि सोमवार के दिन पड़े तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
3.  अश्विनी नक्षत्र मंगलवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
4.  अनुराधा नक्षत्र बुधवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
5.  पुष्य नक्षत्र यदि गुरुवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
6.  रेवती नक्षत्र यदि शुक्रवार के दिन पड़े तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
7.  शनिवार के दिन रोहिणी नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।

अमृत सिद्धि योग इस दिन पड़े तो इन कार्यों से करें परहेज़

अमृत सिद्धि योग मंगलवार के दिन पड़े तो गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों को करना अशुभ माना गया है। इसी प्रकार यदि यह योग बृहस्पतिवार के दिन पड़े तो शादी-विवाह करना वर्जित माना गया है और शनिवार के दिन इस योग में यात्रा करना उपयुक्त नहीं माना गया है।

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