तारीख | सुरवातीचा काळ | शेवटचा काळ |
---|---|---|
शुक्रवार, 01 जानेवारी | 22:22:33 | 31:14:11 |
बुधवार, 20 जानेवारी | 07:14:18 | 24:33:48 |
शुक्रवार, 29 जानेवारी | 07:11:09 | 27:32:55 |
बुधवार, 17 फेब्रुवारी | 06:58:20 | 09:41:51 |
शुक्रवार, 26 फेब्रुवारी | 06:49:56 | 12:03:07 |
सोमवार, 29 मार्च | 17:35:51 | 30:14:13 |
गुरुवार, 01 एप्रिल | 21:47:07 | 30:10:45 |
शनिवार, 24 एप्रिल | 27:47:03 | 29:46:15 |
सोमवार, 26 एप्रिल | 05:45:19 | 27:05:53 |
गुरुवार, 29 एप्रिल | 05:42:35 | 31:34:28 |
शनिवार, 22 मे | 13:44:03 | 29:26:32 |
सोमवार, 24 मे | 05:26:08 | 12:40:58 |
गुरुवार, 27 मे | 05:25:01 | 15:51:52 |
मंगळवार, 15 जून | 25:15:22 | 29:22:50 |
शनिवार, 19 जून | 05:23:14 | 21:38:36 |
मंगळवार, 13 जुलै | 06:40:31 | 29:32:15 |
रविवार, 25 जुलै | 18:21:36 | 29:38:43 |
मंगळवार, 10 ऑगस्ट | 05:47:10 | 11:13:31 |
रविवार, 22 ऑगस्ट | 05:53:39 | 28:21:31 |
रविवार, 19 सप्टेंबर | 06:07:38 | 10:33:45 |
बुधवार, 22 सप्टेंबर | 19:07:50 | 30:09:37 |
बुधवार, 20 ऑक्टोबर | 06:24:37 | 27:03:36 |
शुक्रवार, 29 ऑक्टोबर | 21:09:46 | 30:31:18 |
बुधवार, 17 नोव्हेंबर | 06:44:52 | 08:54:00 |
शुक्रवार, 26 नोव्हेंबर | 06:52:02 | 28:11:25 |
शुक्रवार, 24 डिसेंबर | 07:10:49 | 11:23:02 |
सोमवार, 27 डिसेंबर | 29:35:03 | 31:12:29 |
गुरुवार, 30 डिसेंबर | 27:38:29 | 31:13:30 |
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमृत सिद्धि योग को अत्यंत शुभ योग माना गया है। यह योग नक्षत्र एवं वार के संयोग से बनता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग में किए गए सभी कार्य पूर्ण रूप से सफल होते हैं, इसलिए समस्त मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए इस योग को प्राथमिकता दी जाती है। इस योग में किसी नए कार्य को प्रारंभ करना भी शुभ माना जाता है। जैसे- व्यापार संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, ज़मीन, वाहन, एवं स्वर्ण की ख़रीदारी, विदेशगमन आदि।
1. हस्त नक्षत्र यदि रविवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
2. मृगशिरा नक्षत्र यदि सोमवार के दिन पड़े तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
3. अश्विनी नक्षत्र मंगलवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
4. अनुराधा नक्षत्र बुधवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
5. पुष्य नक्षत्र यदि गुरुवार के दिन हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
6. रेवती नक्षत्र यदि शुक्रवार के दिन पड़े तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
7. शनिवार के दिन रोहिणी नक्षत्र हो तो अमृत सिद्धि योग बनता है।
अमृत सिद्धि योग मंगलवार के दिन पड़े तो गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों को करना अशुभ माना गया है। इसी प्रकार यदि यह योग बृहस्पतिवार के दिन पड़े तो शादी-विवाह करना वर्जित माना गया है और शनिवार के दिन इस योग में यात्रा करना उपयुक्त नहीं माना गया है।