सरस्वती पूजा 2022 दिनांक व मुहूर्त

2022 मध्ये सरस्वती पुजा कधी आहे?

5

फेब्रुवारी, 2022 (शनिवार)

सरस्वती पुजा मुहूर्त New Delhi, India

पुजा मुहूर्त : 07:07:19 ते 12:35:19

कालावधी : 5 तास 28 मिनिटे

चला जाणून घेऊया 2022 मध्ये सरस्वती पूजा केव्हा आहे व सरस्वती पूजा 2022 चे दिनांक व मुहूर्त.

माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है।

इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो बसंत पंचमी या श्रीपंचमी के अतिरिक्त नवरात्रि और दीवाली के दिन भी माँ सरस्वती की आराधना की जाती है, लेकिन माघ शुक्ल पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा को अत्यन्त पुण्यदायी माना गया है।

इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए –

या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता,
या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।।

उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें।

सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी हैं और इसीलिए ब्रह्मा को वागीश (वाक् या वाणी का स्वामी) भी कहा जाता है। सरस्वाती पूजा के इस पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!

अधिक जाणून घ्या सरस्वती पुजा
First Call Free

Talk to Astrologer

First Chat Free

Chat with Astrologer