वैशाख पूर्णिमा व्रत 2083

2083 में वैशाख पूर्णिमा कब है?

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मई, 2083 (रविवार)

वैशाख पूर्णिमा व्रत मुहूर्त New Delhi, India के लिए

मई 1, 2083 को 11:52:29 से पूर्णिमा आरम्भ

मई 2, 2083 को 08:01:40 पर पूर्णिमा समाप्त

वैशाख पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किये जाते हैं। इसे सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार महात्मा बुद्ध के रूप में हुआ था, इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।

वैशाख पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कर्म

वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि अन्य पूर्णिमा व्रत के सामान ही है लेकिन इस दिन किये जाने वाले कुछ धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं-

●  वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
●  स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
●  इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है।
●  5 या 7 जरुरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है।
●  इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएँ और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें।
●  इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें।


वैशाख पूर्णिमा का महत्व

वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई।

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