शरद नवरात्रि 2655

शरद नवरात्रि की तिथियाँ New Delhi, India के लिए

नवरात्रि दिन 1 (प्रतिपदा)

सोमवार, अक्टूबर 22, 2655

नवरात्रि दिन 2 (द्वितीया)

मंगलवार, अक्टूबर 23, 2655

नवरात्रि दिन 3 (तृतीया)

बुधवार, अक्टूबर 24, 2655

नवरात्रि दिन 4 (चतुर्थी)

गुरुवार, अक्टूबर 25, 2655

नवरात्रि दिन 5 (पंचमी)

शुक्रवार, अक्टूबर 26, 2655

नवरात्रि दिन 6 (षष्ठी)

शनिवार, अक्टूबर 27, 2655

नवरात्रि दिन 7 (सप्तमी)

रविवार, अक्टूबर 28, 2655

नवरात्रि दिन 8 (अष्टमी)

सोमवार, अक्टूबर 29, 2655

नवरात्रि दिन 9 (नवमी)

मंगलवार, अक्टूबर 30, 2655

नवरात्रि दिन 10 (नवमी)

बुधवार, अक्टूबर 31, 2655

नवरात्रि दिन 11 (दशमी)

गुरुवार, नवंबर 1, 2655

नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है। एक वर्ष में पांच बार नवरात्र आते हैं, चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष और माघ नवरात्र। इनमें चैत्र और अश्विन यानि शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना गया है। इसके अलावा आषाढ़, पौष और माघ गुप्त नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

सांस्कृतिक परंपरा

नवरात्रि में देवी शक्ति माँ दुर्गा के भक्त उनके नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्र के समय घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया जाता है। नवरात्रि के दौरान देशभर में कई शक्ति पीठों पर मेले लगते हैं। इसके अलावा मंदिरों में जागरण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां बनाई जाती हैं।

पौराणिक मान्यता

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में ही भगवान श्रीराम ने देवी शक्ति की आराधना कर दुष्ट राक्षस रावण का वध किया था और समाज को यह संदेश दिया था कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है।

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान

●  दिन 1 - माँ शैलपुत्री पूजा - यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं।
●  दिन 2 - माँ ब्रह्मचारिणी पूजा - ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 3 - माँ चंद्रघंटा पूजा - देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 4 - माँ कूष्मांडा पूजा - माँ कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।
●  दिन 5 - माँ स्कंदमाता पूजा - देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 6 - माँ कात्यायनी पूजा - देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 7 - माँ कालरात्रि पूजा - देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 8 - माँ महागौरी पूजा - देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 9 - माँ सिद्धिदात्री पूजा - देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।

नवरात्रि में नौ रंगों का महत्व

नवरात्रि के समय हर दिन का एक रंग तय होता है। मान्यता है कि इन रंगों का उपयोग करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

  प्रतिपदा- पीला
  द्वितीया- हरा
  तृतीया- भूरा
  चतुर्थी- नारंगी
  पंचमी- सफेद
  षष्टी- लाल
  सप्तमी- नीला
  अष्टमी- गुलाबी
  नवमी- बैंगनी

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को शरद नवरात्रि की शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि देवी दुर्गा की कृपा आप पर सदैव बनी रहे और आपके जीवन में खुशहाली आये।

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