माघ गुप्त नवरात्रि पारणाा का समय : 12:20:20 के बाद से
माघ गुप्त नवरात्रि पारणा मुहूर्त: यह हम सभी जानते हैं कि नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि से घटस्थापना के साथ होता है और इसके बाद निरंतर नौ दिनों तक देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें तो, नवरात्रि के नौ दिन व्रत एवं उपवास करने के बाद व्रतों के पूर्ण होने को पारणा कहा जाता है।
माघ गुप्त नवरात्रि पारणा मुहूर्त से जुड़ी मान्यता है कि नवरात्रि के व्रत करने वाले जातक को उसके व्रत का फल तब तक नहीं मिलता है जब तक वह विधि-विधान से नवरात्रि का पारण नहीं करता है। आपको बता दें कि कुछ लोग अष्टमी तिथि पर नवरात्रि पारण करते हैं जबकि कुछ लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने के बाद नवरात्रि का पारण करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि के व्रत दशमी तिथि के दिन खोलने का रिवाज़ है। ऐसे में, यदि नवरात्रि के दिन कम या बढ़ते हैं जैसे नवमी तिथि के बढ़ने पर भक्त पहले नवमी तिथि का व्रत करेंगे और उसके बाद पूरे विधि-विधान से माघ गुप्त नवरात्रि पारणा मुहूर्त में पारण करेंगे।
हालांकि, देश भर में नवरात्रि पारणा को लेकर कई तरह की मान्यताएं और परंपराएं देखने को मिलती है। वैसे तो, नवरात्रि के दौरान रखे जाने वाले नौ दिन के व्रत का पारण सदैव शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए, लेकिन माघ गुप्त नवरात्रि पारणा मुहूर्त के अनुसार, नवमी तिथि के समाप्त होने से पहले का समय नवरात्रि पारण के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
नवरात्रि पारणा का संबंध माता दुर्गा और महिषासुर से माना गया है। मान्यता है कि देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध लगातार नौ दिनों तक चला था और नौवें दिन देवी ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए दसवें दिन किये जाने वाले नवरात्रि पारणा को नई शुरुआत और एक नई आशा की किरण का प्रतीक माना गया है।