नवरात्रि पारणा का समय : 11:03:55 के बाद से
चैत्र नवरात्रि का पारणा चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। इस दिन 9 दिनों तक चलने वाली चैत्र नवरात्रि समाप्त हो जाती है। पारणा मुहूर्त को लेकर शास्त्रों में बहुत मतभेद है कि पारण नवमी को होगा या दशमी को। मिमांस (जिन्होंने शास्त्रों की व्याख्या की है) के अनुसार पारण दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नवमी को उपवास रखा जाता है।
यदि नवमी तिथि दो दिन पड़ रही हो, तब उस स्थिति में पहले दिन उपवास रखा जाएगा और दूसरे दिन पारण होगा। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। जैसा की नवमी नवरात्रि पूजा का अंतिम दिन है, इसलिए इस दिन देवी दुर्गा की षोडषोपचार पूजा करके विसर्जन करना चाहिए।
पूजा और विसर्जन के बाद ब्राह्मणों को फल, उपहार, वस्त्र, दान-दक्षिणा आदि (अपनी इच्छानुसार) देनी चाहिए। साथ ही उपरोक्त चीज़ें 9 कन्याओं को भी कन्या पूजन करके देनी चाहिए।
आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से चैत्र नवरात्रि दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!