होली 2024 की तारीख व मुहूर्त
2024 में होली कब है?
25
मार्च, 2024
(सोमवार)

होली New Delhi, India के लिए
आइए जानते हैं कि 2024 में होली कब है व होली 2024 की तारीख व मुहूर्त। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। यदि प्रतिपदा दो दिन पड़ रही हो तो पहले दिन को ही धुलण्डी (वसन्तोत्सव या होली) के तौर पर मनाया जाता है। इस त्योहार को बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाते हैं। बसंत ऋतु में प्रकृति में फैली रंगों की छटा को ही रंगों से खेलकर वसंत उत्सव होली के रूप में दर्शाया जाता है। विशेषतः हरियाणा में इस पर्व को धुलंडी भी कहा जाता है।
होली का इतिहास
होली का वर्णन बहुत पहले से हमें देखने को मिलता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में १६वीं शताब्दी का चित्र मिला है जिसमें होली के पर्व को उकेरा गया है। ऐसे ही विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से ३०० वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है।
होली से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
होली से जुड़ी अनेक कथाएँ इतिहास-पुराण में पायी जाती हैं; जैसे हिरण्यकश्यप-प्रह्लाद की जनश्रुति, राधा-कृष्ण की लीलाएँ और राक्षसी धुण्डी की कथा आदि।
रंगवाली होली से एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की जीत को याद करते हुए होलिका दहन किया जाता है। कथा के अनुसार असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। बालक प्रह्लाद को भगवान कि भक्ति से विमुख करने का कार्य उसने अपनी बहन होलिका को सौंपा, जिसके पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती। भक्तराज प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से होलिका उन्हें अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गयी, लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान की कृपा के फलस्वरूप ख़ुद होलिका ही आग में जल गयी। अग्नि में प्रह्लाद के शरीर को कोई नुक़सान नहीं हुआ।
रंगवाली होली को राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में भी मनाया जाता है। कथानक के अनुसार एक बार बाल-गोपाल ने माता यशोदा से पूछा कि वे स्वयं राधा की तरह गोरे क्यों नहीं हैं। यशोदा ने मज़ाक़ में उनसे कहा कि राधा के चेहरे पर रंग मलने से राधाजी का रंग भी कन्हैया की ही तरह हो जाएगा। इसके बाद कान्हा ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली और तब से यह पर्व रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है।
यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव के श्राप के कारण धुण्डी नामक राक्षसी को पृथु के लोगों ने इस दिन भगा दिया था, जिसकी याद में होली मनाते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में होली का पर्व
कुछ स्थानों जैसे की मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होली के पांचवें दिन रंगपंचमी मनाई जाती है, जो मुख्य होली से भी अधिक ज़ोर-शोर से खेली जाती है। यह पर्व सबसे ज़्यादा धूम-धाम से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है। ख़ास तौर पर बरसाना की लट्ठमार होली बहुत मशहूर है। मथुरा और वृन्दावन में भी १५ दिनों तक होली की धूम रहती है। हरयाणा में भाभी द्वारा देवर को सताने की परंपरा है। महाराष्ट्र में रंग पंचमी के दिन सूखे गुलाल से खेलने की परंपरा है। दक्षिण गुजरात के आदि-वासियों के लिए होली सबसे बड़ा पर्व है। छत्तीसगढ़ में लोक-गीतों का बहुत प्रचलन है और मालवांचल में भगोरिया मनाया जाता है।
रंग-पर्व होली हमें जाति, वर्ग और लिंग आदि विभेदों से ऊपर उठकर प्रेम व शान्ति के रंगों को फैलाने का संदेश देता है। आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- Mercury Rise In Pisces: Bringing Golden Times Ahead For Zodiacs
- Chaitra Navratri 2025 Day 3: Puja Vidhi & More
- Chaitra Navratri Day 2: Worship Maa Brahmacharini!
- Weekly Horoscope From 31 March To 6 April, 2025
- Saturn Rise In Pisces: These Zodiacs Will Hit The Jackpot
- Chaitra Navratri 2025 Begins: Note Ghatasthapna & More!
- Numerology Weekly Horoscope From 30 March To 5 April, 2025
- Chaitra & Shani Amavasya On The Same Day; Do This To Get Rid Of Shani Dosha
- Solar Eclipse & Saturn Transit 2025 On Same Day; Detailed Impacts
- Mars’ Movement In Chaitra Navratri: Cosmic Blessings For 3 Zodiac Signs!
- बुध का मीन राशि में उदय होने से, सोने की तरह चमक उठेगा इन राशियों का भाग्य!
- चैत्र नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन: आज मां चंद्रघंटा की इस विधि से होती है पूजा!
- चैत्र नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां दुर्गा के इस रूप की होती है पूजा!
- मार्च का आख़िरी सप्ताह रहेगा बेहद शुभ, नवरात्रि और राम नवमी जैसे मनाए जाएंगे त्योहार!
- मीन राशि में उदित होकर शनि इन राशियों के करेंगे वारे-न्यारे!
- चैत्र नवरात्रि 2025 में नोट कर लें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और तिथि!
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 30 मार्च से 05 अप्रैल, 2025
- एकसाथ पड़ रही है चैत्र और शनि अमावस्या, आज कर लिया ये काम तो फिर कभी नहीं सताएंगे शनि महाराज!
- शनि गोचर के साथ ही लग रहा है सूर्य ग्रहण, इन राशियों को भुगतने पड़ेंगे भयंकर परिणाम
- हिन्दू नववर्ष 2025: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (विक्रमी संवत् 2082) की विशेष भविष्यवाणी
- [अप्रैल 1, 2025] बैंक अवकाश
- [अप्रैल 6, 2025] राम नवमी
- [अप्रैल 7, 2025] चैत्र नवरात्रि पारणा
- [अप्रैल 8, 2025] कामदा एकादशी
- [अप्रैल 10, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [अप्रैल 12, 2025] हनुमान जयंती
- [अप्रैल 12, 2025] चैत्र पूर्णिमा व्रत
- [अप्रैल 14, 2025] बैसाखी
- [अप्रैल 14, 2025] मेष संक्रांति
- [अप्रैल 14, 2025] अम्बेडकर जयन्ती
- [अप्रैल 16, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [अप्रैल 24, 2025] वरुथिनी एकादशी
- [अप्रैल 25, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [अप्रैल 26, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [अप्रैल 27, 2025] वैशाख अमावस्या