2029 पौष पुत्रदा एकादशी व्रत

2029 मध्ये पौष पुत्रदा एकादशी कधी आहे?

नाही

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत मुहूर्त New Delhi, India

2029 या वर्षांमध्ये पौष पुत्रदा एकादशी नाही

पौष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन सुदर्शन चक्रधारी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। स्त्री वर्ग में इस व्रत का बड़ा प्रचलन और महत्व है। इस व्रत के प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती है।

पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-

1.  पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को व्रत से पूर्व दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। व्रती को संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
2.  प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान का ध्यान करें। गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल पंचामृत से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए।
3.  इस व्रत में व्रत रखने वाले बिना जल के रहना चाहिए। यदि व्रती चाहें तो संध्या काल में दीपदान के पश्चात फलाहार कर सकते हैं।
4.  व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिये।

संतान की कामना के लिए क्या करें ?

●  प्रातः काल पति-पत्नी दोनों संयुक्त रूप से भगवान श्री कृष्ण की उपासना करें
●  संतान गोपाल मंत्र का जाप करें
●  मंत्र जाप के बाद पति-पत्नी प्रसाद ग्रहण करें
●  गरीबों को श्रद्धानुसार दक्षिणा दें और उन्हें भोजन कराएँ

पौराणिक कथा

किसी समय भद्रावती नगर में राजा सुकेतु का राज्य था। उसकी पत्नी का नाम शैव्या था। संतान नहीं होने की वजह से दोनों पति-पत्नी दुःखी रहते थे। एक दिन राजा और रानी मंत्री को राजपाठ सौंपकर वन को चले गये। इस दौरान उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया लेकिन उसी समय राजा को यह बोध हुआ कि आत्महत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं है। अचानक उन्हें वेद पाठ के स्वर सुनाई दिये और वे उसी दिशा में बढ़ते चलें। साधुओं के पास पहुंचने पर उन्हें पौष पुत्रदा एकादशी के महत्व का पता चला। इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया और इसके प्रभाव से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई। इसके बाद से ही पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व बढ़ने लगा। वे दंपती जो निःसंतान हैं उन्हें श्रद्धा पूर्वक पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

First Call Free

Talk to Astrologer

First Chat Free

Chat with Astrologer