माघ अमावस्या 2095

2095 में माघ अमावस्या कब है?

4

फरवरी, 2095 (शुक्रवार)

माघ अमावस्या मुहूर्त New Delhi, India के लिए

फरवरी 4, 2095 को 06:10:37 से अमावस्या आरम्भ

फरवरी 5, 2095 को 03:01:14 पर अमावस्या समाप्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

माघ अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। माघ अमावस्या के दिन किये जाने वाले धार्मिक कर्म, व्रत और नियम इस प्रकार हैं-

1.  मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
2.  इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।
3.  अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।
4.  यदि आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं।
5.  हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

माघ अमावस्या का महत्व

माघ अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं यदि मौन रहना संभव न हो तो अपने मुख से कटु वचन न बोलें। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है और अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं। इससे मन की स्थिति कमजोर रहती है। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा का विधान है।

First Call Free

Talk to Astrologer

First Chat Free

Chat with Astrologer