मार्च 15, 2056 को 10:37:44 से अमावस्या आरम्भ
मार्च 16, 2056 को 12:23:11 पर अमावस्या समाप्त
चैत्र अमावस्या पर व्रत रखकर कई धार्मिक कार्य किये जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत अवश्य रखना चाहिए। चैत्र अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं-
● इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें।
● पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
● इस दिन यथाशक्ति अन्न, गौ, स्वर्ण और वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।
● पितरों के श्राद्ध के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
● अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।
चैत्र अमावस्या पर कई धार्मिक कार्य किये जाते हैं। ऐसी मान्यता है की पितरो को मोक्ष की प्राप्ति और सद्गति के लिए अमावस्या का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से न सिर्फ पितरों को मोक्ष एवं शांति मिलती है बल्कि व्रतधारी को अमोघ फल भी मिलता है।