सूर्योदय के समय लग्न कुंडली
सूर्योदय के समय ग्रह स्थिति
ग्रह | राशि | रेखांश | नक्षत्र | पद |
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सूर्य | वृश्चिक | 06-02-07 | अनुराधा | 1 |
चंद्र | कर्क | 24-39-06 | आश्लेषा | 3 |
मंगल | कर्क | 10-32-22 | पुष्य | 3 |
बुध | वृश्चिक | 27-17-07 | ज्येष्ठा | 4 |
गुरू | वृषभ | 24-05-01 | मृगशिरा | 1 |
शुक्र | धनु | 18-01-09 | पूर्वाषाढा | 2 |
शनि | कुंभ | 18-30-54 | शतभिषा | 4 |
राहु | मीन | 09-24-08 | उ0भाद्रपद | 2 |
केतु | कन्या | 09-24-08 | उ0फाल्गुनी | 4 |
यूरे | वृषभ | 00-53-13 | कृतिका | 2 |
नेप | मीन | 02-56-11 | पूर्वाभाद्रपद | 4 |
प्लू | मकर | 05-38-57 | उ0षाढा | 3 |
ग्रहों की स्थिति का अर्थ
आज की ग्रह स्थिति और विभिन्न दिनों पर या कहिए अलग-अलग दिनों पर ग्रहों की स्थिति मानव जीवन को हर एक पहलू को प्रभावित करती है। ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों की यह स्थिति व्यक्ति की कुंडली को निर्धारित करने के लिए भी जानी जाती है। इसके अलावा ग्रहों की यह स्थिति किसी विशेष दिन के शुभ और अशुभ समय मुहूर्त को निर्धारित करने में भी सहायक साबित होती है। दिन का शुभ और अशुभ समय जानने के बाद व्यक्ति उसके अनुरूप काम करके जीवन में सफलता और प्रगति हासिल कर सकता है।
इसके साथ ही किसी विशेष राशि में आज की ग्रह स्थिति किसी ग्रह की डिग्री और उसके गोचर की अवधि के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है।
ग्रहों की स्थिति के आकलन में पंचांग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंड की स्थितियों पर आधारित एक दैनिक हिंदू कैलेंडर है। पंचांग में यह महत्वपूर्ण जानकारी सूचीबद्ध तरीके से प्रदान की जाती है जो कि ज्योतिषियों, ज्योतिष सीखने वाले लोगों के लिए, ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोगों, के लिए उपयोगी साबित होती है।
यहां विशेष ध्यान रखने वाली बात यह है कि एक निश्चित दिन और निश्चित समय के अनुसार भी दो जगह के पंचांग अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर बात करें तो जैसे उत्तर प्रदेश के लिए आज का पंचांग दोपहर 1:00 बजे और दिल्ली के लिए आज के पंचांग से दोपहर 1:00 बजे के समय अनुसार अलग हो सकता है।
ग्रहों की स्थिति: नकारात्मक और सकारात्मक परिणाम
ज्योतिष में मुख्य रूप से नौ ग्रहों का जिक्र किया जाता है और ये नौ ग्रह व्यक्ति की कुंडली के विभिन्न भावों में मौजूद होते हैं। यह ग्रह और इन ग्रहों की स्थिति ही तय करती है कि व्यक्ति को उनसे अच्छे या बुरे कैसे परिणाम हासिल होंगे। कुंडली में कुछ ग्रहों की स्थिति तो बेहद शुभ होती है बल्कि वहीं दूसरी तरफ कुछ ग्रह नकारात्मक स्थिति में भी मौजूद हो सकते हैं। ज्योतिष की बात करें तो आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह, शुक्र ग्रह, गुरु या बृहस्पति ग्रह, और चंद्रमा को शुभ माना गया है वहीं इसके विपरीत, राहु ग्रह, केतु ग्रह, सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह, और शनि ग्रह को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है।
हालांकि हर एक ग्रह के अपने गुण और लक्षण होते हैं और यही गुण और लक्षण व्यक्ति को अच्छे बुरे, नकारात्मक और सकारात्मक परिणाम देते हैं। इसके अलावा गौर करने वाली बात है कि केवल शुभ या अशुभ परिणाम देने के लिए ग्रह ही जिम्मेदार नहीं होते हैं बल्कि यह व्यक्ति की कुंडली के 12 भावों में से कहां पर स्थित है ग्रहों का परिणाम इस पर भी निर्धारित होता है।
ऐसे में कौन सा ग्रह किस भाव में विराजित होकर आपको शुभ परिणाम देगा यह जानने के लिए आपको आज की ग्रह स्थिति के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।
ग्रहों की स्थिति का मानव जीवन पर प्रभाव
ग्रह कोई भी हो इसका हमारी कुंडली में स्थित होना हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। ऐसा माना जाता है कि हमारे पिछले जन्म के कर्म हमारी वर्तमान कुंडली में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से नजर आते हैं। हमारी कुंडली के बारह भावों में से प्रत्येक भाव हमारे जीवन के हर एक पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो कुंडली का पहला भाव गरिमा और स्वयं का घर माना गया है और यह हमारी महत्वाकांक्षाओं, मान-सम्मान, चरित्र, स्वास्थ्य, दीर्घायु, व्यक्तित्व इत्यादि के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में इस भाव में विभिन्न ग्रहों की उपस्थिति विभिन्न परिणाम लेकर आती है।
हम अपने जीवन के विभिन्न चरणों में अलग-अलग ग्रहों की स्थिति के साथ अलग-अलग व्यवहार करते हैं। जैसे कि जब व्यक्ति 5 या 6 वर्ष का था उस वक्त मन और भावना के ग्रह चंद्रमा की उपस्थिति एक भाव में क्या परिणाम लेकर आई थी उसकी तुलना में आज उसी ग्रह (चंद्रमा की) की स्थिति हमारे लिए अलग परिणाम लेकर आ सकती है।
ठीक इसी तरह यह जीवन के बाद के चरणों में हमारे जीवन को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। तो यह जानने के लिए कि कोई ग्रह या किसी ग्रह की स्थिति आपके लिए आज फायदेमंद है या नहीं आप को आज की ग्रह स्थिति पर विशेष गौर फरमाने की सलाह दी जाती है।