सूर्योदय समय : 06:59:01
सूर्योदय के समय लग्न : वृश्चिक, 228° 07´ 26”
सूर्योदय के समय लग्न : वृश्चिक, 228° 07´ 26”
| लग्न | लग्न आरंभ का समय | लग्न समाप्ति का समय | स्वाभाव |
|---|---|---|---|
| वृश्चिक | 05:34:10 | 07:54:23 | स्थिर |
| धनु | 07:54:23 | 09:57:25 | द्विस्वाभाव |
| मकर | 09:57:25 | 11:39:59 | चर |
| कुम्भ | 11:39:59 | 13:07:39 | स्थिर |
| मीन | 13:07:39 | 14:32:50 | द्विस्वाभाव |
| मेष | 14:32:50 | 16:08:21 | चर |
| वृषभ | 16:08:21 | 18:04:14 | स्थिर |
| मिथुन | 18:04:14 | 20:19:14 | द्विस्वाभाव |
| कर्क | 20:19:14 | 22:39:57 | चर |
| सिंह | 22:39:57 | 24:57:37 | स्थिर |
| कन्या | 24:57:37 | 27:14:17 | द्विस्वाभाव |
| तुला | 27:14:17 | 29:34:10 | चर |
नोट: 24 घण्टे से अधिक का समय मतलब अगला दिन। जैसे अगर 29:05 लिखा हो तो मतलब 5:05 अगले दिन का
वैदिक ज्योतिष में लग्न एक महत्वपूर्ण कारक है, इसे उदय लग्न या उदित राशि के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी पर जब भी मनुष्य का जन्म होता है, उस समय आकाश मंडल में उदित होने वाली राशि से उसका लग्न भाव बनता है। जन्म कुंडली में प्रथम भाव को ही लग्न भाव कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार उदय लग्न की गणना सूर्योदय से सूर्यास्त के दौरान की जाती है, इस समय आकाश मंडल में सभी 12 राशि पूर्वी क्षितिज पर उदित होती हैं और समय के साथ-साथ अपना स्थान परिवर्तित करती रहती हैं। जन्म कुंडली में लग्न भाव व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। लग्न भाव या लग्न राशि से मनुष्य के बचपन, व्यक्तित्व, चरित्र, स्वभाव और आयु आदि के बारे में पता चलता है। कुंडली के अलावा मुहूर्त की गणना करने में भी लग्न को महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह मुहूर्त और गृह प्रवेश मुहूर्त समेत सभी शुभ कार्यों के मुहूर्त के लिए शुभ लग्न देखा जाता है।
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