वरुथिनी एकादशी व्रत 2018
2018 में वरुथिनी एकादशी कब है?
12
अप्रैल, 2018
(गुरुवार)
वरुथिनी एकादशी व्रत मुहूर्त New Delhi, India के लिए
वरुथिनी एकादशी पारणा मुहूर्त :
05:58:27 से 08:31:52 तक 13, अप्रैल को
अवधि :
2 घंटे 33 मिनट
वरुथिनी एकादशी का व्रत सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। वरुथिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से समस्त पाप, ताप व दुख दूर होते हैं और अनंत शक्ति मिलती है। इस भक्तिभाव से भगवान मधुसुदन की पूजा करनी चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय जो फल स्वर्ण दान करने से प्राप्त होता है, वही फल वरूथिनी एकादशी का उपवास करने से मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य लोक और परलोक दोनों में सुख भोगता है।
वरुथिनी एकादशी व्रत पूजा विधि
इस दिन व्रत करने वाले मनुष्य को सर्वप्रथम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिये। दूसरों की बुराई और दुष्ट लोगों की संगत से बचना चाहिए। इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
1. व्रत से एक दिन पूर्व यानि दशमी को एक ही बार भोजन करना चाहिए।
2. व्रत वाले दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान की पूजा करनी चाहिए।
3. व्रत की अवधि में तेल से बना भोजन, दूसरे का अन्न, शहद, चना, मसूर की दाल, कांसे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए। व्रती को सिर्फ एक ही बार भोजन करना चाहिए।
4. रात्रि में भगवान का स्मरण करते हुए जागरण करें और अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए।
व्रत वाले दिन शास्त्र चिंतन और भजन-कीर्तन करना चाहिए और झूठ बोलने व क्रोध करने से बचना चाहिए।
वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व
यह व्रत बहुत पुण्यदायी होता है। धार्मिक मान्यता है कि ब्राह्मण को दान देने, करोड़ो वर्ष तक ध्यान करने और कन्या दान से मिलने वाले फल से भी बढ़कर है वरुथिनी एकादशी का व्रत। इस व्रत को करने से भगवान मधुसुदन की कृपा होती है। मनुष्य के दुख दूर होते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पौराणिक कथा
एक समय अर्जुन के आग्रह करने पर भगवान श्री कृष्ण ने वरुथिनी एकादशी की कथा और उसके महत्व का वर्णन किया, जो इस प्रकार है:
प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा का राज्य था। वह अत्यन्त दानशील और तपस्वी राजा था। एक समय जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था। उसी समय जंगली भालू आकर उसका पैर चबाने लगा। इसके बाद भालू राजा को घसीट कर वन में ले गया। तब राजा घबराया, तपस्या धर्म का पालन करते हुए उसने क्रोध न करके भगवान विष्णु से प्रार्थना की।
राजा की पुकार सुनकर भगवान विष्णु वहां प्रकट हुए़ और चक्र से भालू का वध कर दिया। तब तक भालू राजा का एक पैर खा चुका था। इससे राजा मान्धाता बहुत दुखी थे। भगवान श्री विष्णु ने राजा की पीड़ा को देखकर कहा कि- ‘’मथुरा जाकर तुम मेरी वाराह अवतार मूर्ति की पूजा और वरूथिनी एकादशी का व्रत करो, इसके प्रभाव से भालू ने तुम्हारा जो अंग काटा है, वह अंग ठीक हो जायेगा। तुम्हारा यह पैर पूर्वजन्म के अपराध के कारण हुआ है।’’ भगवान विष्णु की आज्ञा अनुसार राजा ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ किया और वह फिर से सुन्दर अंग वाला हो गया।
एस्ट्रोसेज मोबाइल पर सभी मोबाइल ऍप्स
एस्ट्रोसेज टीवी सब्सक्राइब
- Weekly Horoscope November 3 to 9, 2025: Predictions & More!
- Tarot Weekly Horoscope From 2 November To 8 November, 2025
- Numerology Weekly Horoscope: 2 November To 8 November, 2025
- Venus Transit In Libra: Showers Of Love Incoming!
- Devuthani Ekadashi 2025: Check Out Its Date, Katha, & More!
- November 2025 Numerology Monthly Horoscope: Read Now
- Tarot Talks: November Monthly Messages For The Zodiac Signs!
- Venus Transit In Libra Brings Balance & Justice To The World!
- Chhath Puja 2025: List Of Auspicious Dayy, Muhurat & Remedies
- Mercury-Mars Conjunction In Scorpio & Its Impacts On Zodiacs!
- नवंबर के इस पहले सप्ताह में अस्त हो जाएंगे मंगल, जानें किन राशियों के लिए रहेगा अशुभ?
- टैरो साप्ताहिक राशिफल 02 से 08 नवंबर, 2025: क्या होगा भविष्यफल?
- अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 02 नवंबर से 08 नवंबर, 2025
- शुक्र का तुला राशि में गोचर: इन राशियों के प्रेम जीवन में आएगी ख़ुशियों की बहार!
- देवउठनी एकादशी के बाद खुलते हैं शुभ कार्यों के द्वार, पढ़ें पूरी कथा और महिमा!
- मासिक अंक फल नवंबर 2025: ये महीना किसके लिए है ख़ास?
- टैरो मासिक राशिफल: नवंबर 2025 में इन राशियों को मिलेगा बड़ा तोहफा!
- शुक्र का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा प्रभाव
- छठ पूजा 2025: नहाय-खाय से लेकर सूर्योदय के अर्घ्य तक, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
- वृश्चिक राशि में मंगल-बुध की युति का 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव? जानें!
- [नवंबर 3, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [नवंबर 5, 2025] कार्तिक पूर्णिमा व्रत
- [नवंबर 8, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [नवंबर 14, 2025] बाल दिवस
- [नवंबर 15, 2025] उत्पन्ना एकादशी
- [नवंबर 16, 2025] वृश्चिक संक्रांति
- [नवंबर 17, 2025] प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- [नवंबर 18, 2025] मासिक शिवरात्रि
- [नवंबर 20, 2025] मार्गशीर्ष अमावस्या
- [दिसंबर 1, 2025] मोक्षदा एकादशी
- [दिसंबर 2, 2025] प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- [दिसंबर 4, 2025] मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
- [दिसंबर 7, 2025] संकष्टी चतुर्थी
- [दिसंबर 15, 2025] सफला एकादशी
- [दिसंबर 16, 2025] धनु संक्रांति
₹ 




