• Talk To Astrologers
  • Talk To Astrologers
  • Brihat Horoscope
  • Personalized Horoscope 2024
  1. भाषा :

दुर्गा पूजा अष्टमी 2021 दिनांक व मुहूर्त

2021 मध्ये दुर्गा पुजा अष्टमी कधी आहे?

13

ऑक्टोबर, 2021

(बुधवार)

दुर्गा पुजा अष्टमी पुजा

दुर्गा पुजा अष्टमी मुहूर्त New Delhi, India

अष्टमी तिथी सुरवात 21:49:38 पासुन. ऑक्टोबर 12, 2021 रोजी
अष्टमी तिथी समाप्ती 20:09:56 पर्यंत. ऑक्टोबर 13, 2021 रोजी

चला जाणून घेऊया 2021 मध्ये दुर्गा पूजा अष्टमी केव्हा आहे व दुर्गा पूजा अष्टमी 2021 चे दिनांक व मुहूर्त.

दुर्गा पूजा के दूसरे दिन महाष्टमी मनाई जाती है। इसे महा दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। महाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा का विधान ठीक महासप्तमी की तरह ही होता है। हालांकि इस दिन प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है। महाष्टमी के दिन महास्नान के बाद मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है।

महाष्टमी के दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है। महाष्टमी के दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।

कुमारी पूजा

महाष्टमी के दिन कुमारी पूजा भी होती है। इस अवसर पर अविवाहित लड़की या छोटी बालिका का श्रृंगार कर देवी दुर्गा की तरह उनकी आराधना की जाती है। भारत के कई राज्यों में नवरात्रि के नौ दिनों में कुमारी पूजा होती है। कुमारी पूजा को कन्या पूजा कुमारिका पूजा आदि नामों से जाना जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्या कुमारी पूजा के लिए उपयुक्त होती हैं। कुमारी पूजा में ये बालिकाएं देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं…

1.  कुमारिका
2.  त्रिमूर्ति
3.  कल्याणी
4.  रोहिणी
5.  काली
6.  चंडिका
7.  शनभावी
8.  दुर्गा
9.  भद्रा या सुभद्रा

संधि पूजा

महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। महाअष्टमी पर संधि पूजा होती है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों दिन चलती है। संधि पूजा में अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि क्षण या काल कहते हैं। संधि काल का समय दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि यह वह समय होता है जब अष्टमी तिथि समाप्त होती है और नवमी तिथि का आरंभ होता है। मान्यता है कि, इस समय में देवी दुर्गा ने प्रकट होकर असुर चंड और मुंड का वध किया था।

संधि पूजा के समय देवी दुर्गा को पशु बलि चढ़ाई जाने की परंपरा है। हालांकि अब मां के भक्त पशु बलि चढ़ाने की बजाय प्रतीक के तौर पर केला, कद्दू और ककड़ी जैसे फल व सब्जी की बलि चढ़ाते हैं। हिंदू धर्म में अब बहुत से समुदाय में पशु बलि को सही नहीं माना जाता है। पशु हिंसा रोकने के लिए बलि की परंपरा को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के वैल्लूर मठ में संधि पूजा के समय प्रतीक के तौर पर केले की बलि चढ़ाई जाती है। इसके अलावा संधि काल के समय 108 दीपक जलाये जाते हैं।

अ‍ॅस्ट्रोसेज मोबाइल वरती सर्व मोबाईल ऍप

अ‍ॅस्ट्रोसेज टीव्ही सदस्यता घ्या

      रत्न विकत घ्या

      AstroSage.com वर आश्वासनासह सर्वोत्कृष्ट रत्न

      यंत्र विकत घ्या

      AstroSage.com वर आश्वासनासह यंत्राचा लाभ घ्या

      नऊ ग्रह विकत घ्या

      ग्रहांना शांत करण्यासाठी आणि आनंदी आयुष्य मिळवण्यासाठी यंत्र AstroSage.com वर मिळावा

      रुद्राक्ष विकत घ्या

      AstroSage.com वर आश्वासनासह सर्वोत्कृष्ट रुद्राक्ष